दीमा हसाओ, असम
भारतीय सेना, असम राइफल्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ टीमों और अन्य एजेंसियों का संयुक्त बचाव अभियान शुक्रवार को भी जारी रहा, ताकि 8 लोगों को बचाया जा सके, जो 6 जनवरी से यहां उमरंगसो इलाके के 3 किलो में एक कोयला खदान में फंसे हुए हैं.
कोल इंडिया ने खदान से पानी निकालने के लिए 500 जीपीएम (गैलन प्रति मिनट) का पंप मंगाया है. इस पंप की स्थापना का काम अभी चल रहा है.
नॉर्थईस्टर्न कोल फील्ड के महाप्रबंधक के मेरे ने एएनआई को बताया, "हमने नागपुर से 500 जीपीएम का एक हाई पंप मंगाया है और इसे लगाया जा रहा है. हम दो जनरेटर भी लाए हैं, जिससे यह भारी पंप काम करेगा."
उन्होंने कहा, "स्थापना का काम तीन शिफ्टों में 24 घंटे तक चलेगा. एक मिनट में यह 500 गैलन पानी निकाल सकता है. हमें भूमिगत स्थिति के बारे में सही जानकारी नहीं है."
असम के खान एवं खनिज मंत्री कौशिक राय ने बुधवार को पुष्टि की कि खदान से अब तक केवल एक शव बरामद किया गया है. बुधवार को एएनआई से बात करते हुए राय ने कहा, "एक शव बरामद किया गया है. सेना की एक टीम ने फिर से (खदान में) गोता लगाया है. नौसेना की टीम भी जाएगी. हमने खदान से पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है... कुछ लोग कह रहे हैं कि 10-12 लोग फंसे हुए हैं.
जब पानी का स्तर कम हो जाएगा, तो हम सही संख्या बताने की स्थिति में होंगे." गुरुवार को, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के टीम कमांडर इंस्पेक्टर रोशन कुमार सिंह ने पुष्टि की कि ऊर्ध्वाधर क्षेत्र की तलाशी और पानी निकालने के लिए भारी पंपों का उपयोग करने के बावजूद, खनन दुर्घटना स्थल पर पानी का स्तर कम नहीं हुआ था. एएनआई से बात करते हुए सिंह ने कहा, "हमने ऊर्ध्वाधर क्षेत्र की तलाशी ली है, लेकिन कुछ भी नहीं मिल पाया है. हम खदान से पानी निकालने के साथ आगे बढ़ रहे हैं... पानी का स्तर केवल बढ़ा है, घटा नहीं है. यह नौसेना, एनडीआरएफ और भारतीय सेना का संयुक्त अभियान है." खदान ढहने से कई श्रमिक फंस गए हैं, जिससे भूमिगत खतरनाक स्थितियों के कारण बचाव दल के लिए कई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं. विशेष सहायता के लिए अब गोताखोर विशेषज्ञों को बुलाया जा रहा है.