संभल जामा मस्जिद की रंगाई का एएसआई टीम ने किया मूल्यांकन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 13-03-2025
ASI team evaluates painting of Sambhal Jama Masjid
ASI team evaluates painting of Sambhal Jama Masjid

 

संभल. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की एक टीम ने गुरुवार, 13 मार्च को शाही जामा मस्जिद की नियोजित सफेदी और जीर्णोद्धार कार्य से पहले माप और मूल्यांकन किया, अधिकारियों ने कहा.

यह कदम इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा एएसआई को एक सप्ताह के भीतर जामा मस्जिद की सफेदी करने और उसे पूरा करने का निर्देश दिए जाने के एक दिन बाद उठाया गया है.

शाही जामा मस्जिद समिति के अध्यक्ष जफर अली ने संवाददाताओं को बताया कि मेरठ से एएसआई की टीम काम का दायरा निर्धारित करने और अनुमान तैयार करने के लिए सर्वेक्षण कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘हम टीम के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं और कोई समस्या नहीं है. पेंटिंग का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा. उन्होंने माप ले लिया है और मंजूरी के बाद काम शुरू हो जाएगा.’’

अली ने बताया कि अगर गुरुवार को ही मंजूरी मिल जाती है तो पेंटिंग का काम तुरंत शुरू हो सकता है. हालांकि, अगर कोई देरी होती है तो होली के कारण कल शुरू नहीं होगा बल्कि परसों शुरू होगा. उन्होंने कहा कि कवर किए जाने वाले सटीक क्षेत्र की गणना अभी भी की जा रही है. संभल की शाही जामा मस्जिद समिति एएसआई के संरक्षण और दिशा-निर्देशों के तहत पेंटिंग के काम की देखरेख करेगी. इससे पहले सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एएसआई की ओर से पेश वकील को निर्देश दिया था कि वे इस बारे में विशेष रूप से तर्क दें कि मस्जिद की बाहरी दीवारों पर सफेदी करने से क्या पूर्वाग्रह पैदा होगा.

मस्जिद समिति के वकील एसएफए नकवी ने कहा था कि ‘‘एएसआई ने आज तक अपने हलफनामे में यह खुलासा नहीं किया है कि वह विवादित ढांचे के बाहर सफेदी, अतिरिक्त रोशनी और सजावटी लाइट लगाने से इनकार कर रहा है.’’ उन्होंने विवादित स्थल के बाहरी हिस्से की रंगीन तस्वीरों पर भी भरोसा जताया था, जो सफेदी की जरूरत को दर्शाती हैं.

पिछले साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान स्थानीय लोगों के विरोध के बीच संभल में दंगे भड़क उठे थे. स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि मस्जिद मुगल काल के दौरान कथित रूप से नष्ट किए गए हिंदू मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई थी. विरोध प्रदर्शन स्थानीय निवासियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों में बदल गया. अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और भीड़-नियंत्रण उपायों का इस्तेमाल किया. हिंसा के परिणामस्वरूप चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए.