अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ‘कीवी मिशन’ की शुरुआत की, इसे ‘कृषि क्रांति’ बताया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 08-09-2025
Arunachal Pradesh CM launches 'Kiwi Mission', calls it 'Agriculture Revolution'
Arunachal Pradesh CM launches 'Kiwi Mission', calls it 'Agriculture Revolution'

 

ईटानगर

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने रविवार को ‘कीवी मिशन 2025–2035’ की औपचारिक शुरुआत की, जिसका उद्देश्य राज्य को कीवी उत्पादन के लिए उसी तरह की पहचान दिलाना है, जैसे असम की चाय के लिए है।
 
यह महत्वाकांक्षी 10 वर्षीय कार्यक्रम किसानों को सशक्त बनाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रमुख कदम माना जा रहा है।
 
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम की शुरुआत लोअर सुबनसिरी जिले के जीरो में की, जहां उनके साथ कृषि मंत्री गैब्रियल डी वांगसू, कैबिनेट के अन्य सदस्य और विधायक भी उपस्थित थे।
 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खांडू ने इसे राज्य में ‘‘कृषि क्रांति’’ की संज्ञा दी, जो अरुणाचल प्रदेश को भारत के कृषि मानचित्र पर नयी पहचान दिलाएगा।
 
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश को कीवी की उसी तरह पहचान दिलाना हमारा लक्ष्य है, जैसे असम की पहचान चाय से जुड़ी है। यह मिशन किसानों को सशक्त बनाने, सतत कृषि को अपनाने और वैश्विक स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाले जैविक उत्पादों के लिए अरुणाचल प्रदेश को स्थापित करने की दिशा में है।’’
 
मिशन के तहत 13 जिलों में मॉडल कीवी बागानों की स्थापना की जाएगी, जिसमें जीरो घाटी को इस पहल का केंद्र घोषित किया गया है।
 
राज्य सरकार वैज्ञानिक तरीकों, प्रशिक्षण और समर्थन तंत्र पर जोर दे रही है ताकि उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को भी पूरा किया जा सके।
 
खांडू ने कहा कि राज्य की समशीतोष्ण जलवायु, ऊंचाई वाले उपजाऊ क्षेत्र और उर्वर मिट्टी कीवी की खेती के लिए अनुकूल है और मिशन इन्हीं प्राकृतिक संसाधनों का लाभ उठाने की दिशा में है।
 
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कई जिलों के कीवी उत्पादकों से बातचीत भी की। उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के अनुभव और सुझाव हमारे लिए प्रेरणा हैं, जो सतत कृषि, नवाचार और किसान कल्याण को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं।’’
 
कार्यक्रम में ‘मासिक फसल सम्मान’ पहल की भी शुरुआत की गई, जिसके तहत नवाचार और सतत खेती के लिए दो किसानों को सम्मानित किया गया।
 
नेतन दोरजी थुंगन (पश्चिम कामेंग) को उनके सेब बागान के विस्तार के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने सेब के पेड़ों को 300 से बढ़ाकर 1,200 कर दिया और सालाना 20 मीट्रिक टन उत्पादन के साथ 12 लाख रुपये की आय अर्जित की।
 
नानी शा (पापुम पारे) को 5.5 हेक्टेयर में 2,800 एवोकाडो पौधे लगाने और पहली फसल से चार लाख रुपये की आय प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने ‘हैस’ और ‘एटिंगर’ जैसी प्रीमियम किस्में उगाईं।
 
मुख्यमंत्री ने कहा, “‘मासिक फसल सम्मान’ हमारे किसानों की प्रतिबद्धता, नवाचार और सहनशक्ति का प्रतीक है, जो सतत कृषि को आगे बढ़ा रहे हैं।”
 
अधिकारियों ने बताया कि मिशन के अंतर्गत जैविक प्रमाणन, फसल कटाई के बाद प्रबंधन और निर्यात संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि अरुणाचल प्रदेश के कीवी को एक वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित किया जा सके।
 
सरकार का मानना है कि देश और विदेश में विदेशी फलों की बढ़ती मांग को देखते हुए कीवी फल राज्य की पहचान बन सकता है।