ईटानगर
अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले में 20 दिनों से लापता सेना के एक कुली को व्यापक बहु-एजेंसी खोज और बचाव अभियान के बाद बचा लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि कुली का नाम उन्नोत ताये है, जो असम के धेमाजी जिले के अक्षीपुर गांव का निवासी है। वह 20 सितंबर को मिदक इलाके से लापता हो गया था, जो पांग्गो गांव से करीब 25 किलोमीटर दूर है।
ताये को असम के 11 अन्य कुलियों के साथ 17 सितंबर को एक ठेकेदार ने टेंगो-1 और टेंगो-2 सीमावर्ती क्षेत्रों में पांग्गो-जॉर्जिंग पैदल मार्ग पर काम के लिए नियुक्त किया था। ताये के वापस न लौटने पर 23 सितंबर को तूतिंग पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई।
शिकायत दर्ज कराने के बाद तूतिंग थाने के प्रभारी जमकन रीना के नेतृत्व में खोज एवं बचाव अभियान शुरू किया गया, जिसमें स्वयंसेवी संगठनों, सेना के कुलियों और पांग्गो व मिगिंग गांवों के ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी की। यह अभियान गांव के प्रधानों और ग्राम पंचायत अध्यक्षों के मार्गदर्शन में चलाया गया।
संयुक्त टीम ने 21 सितंबर से नौ अक्टूबर तक घने जंगल, पहाड़ियों और शिरापाटे नदी के किनारों पर कठिन परिस्थितियों में तलाशी अभियान चलाया।
कुगिंग गांव के एक अन्य कुली ने ताये को 10 अक्टूबर को मिदक कैंप के पास बेहोशी की हालत में देखा।
सूचना मिलने पर पुलिस, चिकित्सा दल और अरुणाचल प्रदेश महिला कल्याण समिति (पांग्गो इकाई) के सदस्य समेत ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान शुरू किया।
तूतिंग के चिकित्सा अधिकारी डॉ. मक्तेल योमपांग ने मौके पर ही ताये को चिकित्सा सहायता प्रदान की, उसके बाद 11 अक्टूबर को उसे (ताये) ऊबड़-खाबड़ इलाके से होते हुए लगभग 25 किलोमीटर पैदल चलकर निकटतम सड़क तक लाया गया। यहां से ताये को 12 अक्टूबर को यिंगकिओंग के जिला अस्पताल में ले जाया गया और बाद में आगे के इलाज के लिए 13 अक्टूबर को पूर्वी सियांग जिले के पासीघाट स्थित बाकिन पर्टिन जनरल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
चिकित्सकों द्वारा ताये की स्वास्थ्य जांच के बाद, उसे उसी दिन उसके परिवार से मिला दिया गया।
अपर सियांग के उपायुक्त तालो जेरांग ने राहत व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘उन्नोत ताये को सुरक्षित बचा लेना, सभी टीम और स्थानीय स्वयंसेवकों की अथक मेहनत, एकजुटता और समर्पण का परिणाम है।’’
उन्होंने पुलिस अधीक्षक (एसपी) टोकन सारिंग, एडीसी पांडव पर्मे, एसआई जमकन रीना, डा. योम्पांग और अन्य सदस्यों के समन्वित प्रयासों और मानवता की भावना की सराहना की।