Appointment of receiver in Haridwar temple: Court issues notice to Uttarakhand government
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने हरिद्वार स्थित मां चंडी देवी मंदिर के सेवायत द्वारा दायर याचिका पर उत्तराखंड सरकार से सोमवार को जवाब तलब किया.
याचिका में बदरी केदार मंदिर समिति को चंडी देवी मंदिर के प्रबंधन के लिए एक रिसीवर नियुक्त करने के निर्देश देने वाले उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है.
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि बदरी केदार मंदिर समिति द्वारा लिया गया कोई भी निर्णय याचिका पर लिये गए फैसले के अधीन होंगे.
वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे और अधिवक्ता अश्विनी दुबे हरिद्वार स्थित मां चंडी देवी मंदिर के महंत एवं याचिकाकर्ता भवानी नंदन गिरि की ओर से पेश हुए.
गिरि ने शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में दलील दी कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बिना किसी साक्ष्य और शिकायत के मंदिर का नियंत्रण एक समिति को सौंप दिया, जबकि उच्च न्यायालय ने ही 2012 में दिये फैसले में हरिद्वार के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की एक समिति का गठन किया था.
याचिका में दलील दी गई है कि रिसीवर नियुक्त करने का निर्देश एक आपराधिक मामले में आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया गया.
हरिद्वार स्थित मां चंडी देवी मंदिर की स्थापना आठवीं सदी में जगद्गुरु श्री आदि शंकराचार्य द्वारा ने की थी। याचिकाकर्ता के मुताबिक, उसके पूर्वज बतौर सेवायत इसका प्रबंधन और देखभाल करते आए हैं.