डोगरा सदर सभा की अपील, भारतीय सरकार पीओके के परेशान लोगों की आवाज उठाए

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 15-09-2023
Protest in PoK
Protest in PoK

 

आवाज-द वॉयस / जम्मू

डोगरा सदर सभा (डीएसएस) के अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक मुहम्मद सज्जाद राजा ने डीएसएस जम्मू के केंद्रीय अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि वह भारत सरकार के समक्ष पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोगों के अधिकारों का मुद्दा उठाए. उन्होंने कहा कि पीओके के लोग बुनियादी आवश्यकताओं की ‘उच्च कीमतों’ और पाकिस्तान सरकार द्वारा लगाए गए ‘अनुचित करों’ के खिलाफ विरोध कर रहे हैं.

डोगरा सदर सभा, डोगरा समुदाय के लोगों का एक संगठन है, जो पीओके में उनके उत्पीड़न के मुद्दे उठाता है. डीएसएस, जम्मू के केंद्रीय अध्यक्ष ठाकुर गुलचैन सिंह चरक को संबोधित पत्र में, मुहम्मद सज्जाद राजा ने कहा कि “पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोगों में से 99 प्रतिशत जातीय रूप से डोगरा हैं. वे आटे की मांग, बिजली और जीवन की अन्य बुनियादी जरूरतें किफायती दामों पर उपलब्ध करवाने को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.”

लोग पाकिस्तान सरकार और स्थानीय अधिकारियों द्वारा लगाए गए:अनुचित करों’ को समाप्त करने की भी मांग कर रहे हैं. राजा ने पत्र में आगे कहा कि पीओके में लोग ‘पाकिस्तानी चंगुल के तहत दयनीय जीवन’ जी रहे हैं और इस स्थिति ने उन्हें बुनियादी जरूरतों के लिए विरोध करने के लिए सड़क पर आने के लिए मजबूर किया है.

उन्होंने डीएसएस जम्मू के केंद्रीय अध्यक्ष से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने और पीओके के लोगों के लिए आवाज उठाने का अनुरोध किया. उन्होंने 76 वर्षों से पाकिस्तानी कब्जे के तहत पीड़ित पीओके के लोगों को ‘बचाने’ के लिए भारत सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाने का भी अनुरोध किया.

पत्र में कहा गया है, “पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों की देखभाल करना जम्मू-कश्मीर और भारतीय सरकारों का कानूनी और संवैधानिक कर्तव्य है, क्योंकि 26 अक्टूबर 1947 की परिग्रहण संधि की शर्तों के तहत, ये क्षेत्र जम्मू-कश्मीर का संवैधानिक हिस्सा हैं और इन्हें भारत द्वारा समर्थित होना चाहिए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सुझाव है कि आपको इस मुद्दे को भारत सरकार के सामने उठाना चाहिए और दिल्ली में पाकिस्तानी राजदूत को विदेश कार्यालय में बुलाने की मांग करनी चाहिए और पाकिस्तान द्वारा पीओके के लोगों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर भारत द्वारा आधिकारिक विरोध जताया जाना चाहिए.’’

राजा ने आगे कहा कि भारत को या तो पाकिस्तान को पीओके के लोगों को जीवन की सभी बुनियादी जरूरतों की आपूर्ति करने के लिए मजबूर करना चाहिए या सीधे मदद की पेशकश करने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए.

 

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