संभल (उप्र)
संभल जिले के असमोली थाना क्षेत्र स्थित बिलालपत गांव में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मतदाता पहचान पत्र (वीआईपी) बनवाने के आरोप में 48 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बुधवार को इस मामले की पुष्टि की।
पुलिस के अनुसार, यह मामला संभल तहसील के बिलालपत गांव के लेखपाल गुन्नू बाबू की शिकायत पर दर्ज किया गया। गुन्नू बाबू ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें धारा 318(4) (धोखाधड़ी), 336(2) (जाली दस्तावेज बनाना), 338 (मूल्यवान दस्तावेजों में जालसाजी) और 340(2) (जाली दस्तावेजों या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों का वास्तविक रूप में उपयोग) शामिल हैं।
घटना का पता तब चला जब जिलाधिकारी राजेंद्र सिंह ने हाल ही में बिलालपत गांव में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गांव के मोहम्मद कमर और मोहम्मद फारूक ने शिकायत की कि गांव में कुछ लोग फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनवा रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी ने तुरंत जांच समिति का गठन किया।
जांच में पाया गया कि गांव के कुल 48 लोगों ने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों में हेराफेरी कर अपने नाम पर फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनवाए थे। इसके बाद जिलाधिकारी ने सभी 48 आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया। इसके बाद लेखपाल गुन्नू बाबू ने आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब मामले की गहन जांच की जा रही है और फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उनका उपयोग करने वाले अन्य संभावित लोगों की पहचान भी की जा रही है। इस कार्रवाई का उद्देश्य मतदाता सूची को साफ और निष्पक्ष बनाना है, ताकि किसी भी प्रकार की फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी को रोका जा सके।
यह मामला स्थानीय प्रशासन की सतर्कता और कानूनी कार्रवाई का उदाहरण है, जिससे यह संदेश जाता है कि मतदाता पहचान पत्र बनाने में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।