अबू धाबी (UAE)
भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई और ऑपरेशन सिंदूर के संदेश को वैश्विक मंच पर रखने के उद्देश्य से शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गुरुवार तड़के अबू धाबी पहुंचा।
इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी सांसद बंसुरी स्वराज, आईयूएमएल के ई.टी. मोहम्मद बशीर, बीजेपी सांसद अतुल गर्ग, बीजेडी सांसद सस्मित पात्र, बीजेपी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद मनन कुमार मिश्रा, बीजेपी नेता एसएस आहलूवालिया, तथा राजनयिक सुजन चिनॉय शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल पहल्गाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) और भारत की 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई जवाबी कार्रवाई को लेकर UAE, लाइबेरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और सिएरा लियोन जैसे देशों के नेताओं से संवाद करेगा। यह यात्रा भारत के वैश्विक कूटनीतिक प्रयासों का हिस्सा है, जिसका मकसद आतंकवाद के खिलाफ भारत की संकल्पबद्ध नीति को साझा करना है।
प्रस्थान से पहले डॉ. श्रीकांत शिंदे ने कहा,"मुझे इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला है जो UAE और पश्चिम अफ्रीका जा रहा है। ये जरूरी है कि हम दुनिया को बताएं कि भारत वर्षों से किस तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है। पाकिस्तान कैसे लगातार आतंक को समर्थन और वित्तपोषण दे रहा है, यह बताना जरूरी है। भारत और पाकिस्तान एक साथ स्वतंत्र हुए थे, लेकिन भारत जहां आर्थिक प्रगति कर रहा है, वहीं पाकिस्तान आतंकवाद में ही आगे बढ़ा है।"
बीजेपी नेता एसएस आहलूवालिया ने कहा कि पाकिस्तान की झूठी प्रचार मुहिम का सटीक जवाब दिया जाएगा।"पाकिस्तान दुनिया भर में झूठा प्रचार फैला रहा है। हमारा प्रतिनिधिमंडल सच्चाई को सामने लाएगा—22 अप्रैल को क्या हुआ और उससे पहले क्या होता रहा है, यह हम स्पष्ट रूप से दुनिया को बताएंगे।"
बीजेपी सांसद बंसुरी स्वराज ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की न्यायप्रिय प्रतिज्ञा करार देते हुए कहा,"पहलगाम में हुआ आतंकी हमला भारत की आत्मा पर चोट थी। पीएम मोदी और भारतीय सेना ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर न्याय की एक नई शपथ है। प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि बातचीत और आतंक साथ नहीं चल सकते। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, और न ही व्यापार और आतंक एक साथ हो सकते हैं। जब भी भारत बातचीत करेगा, वह पीओके पर होगी। इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य पार्टी लाइन से ऊपर उठकर राष्ट्र की बात रखना है।"
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए थे। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से की गई आक्रामकता का भारत ने पूरी ताकत से जवाब दिया। अंततः दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी।
यह सर्वदलीय पहल दुनिया को यह संदेश देने के लिए है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत एकमत है और ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर अडिग है।