आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बृहस्पतिवार को बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से दक्षिण कश्मीर के हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा मंदिर की ओर रवाना हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
यात्रा सुबह-सुबह पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से शुरू हुई. अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में पहलगाम स्थित नुनवान आधार शिविर और मध्य कश्मीर के गंदेरबल में सोनमर्ग स्थित बालटाल आधार शिविर से सुबह होते ही तीर्थयात्री पवित्र गुफा की ओर रवाना हुए. ‘बम बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष के साथ तीर्थयात्री रवाना हुए। उनके चेहरों पर आगे की कठिन यात्रा के बावजूद खुशी के भाव थे. गुजरात से आए एक तीर्थयात्री ने कहा, ‘‘बाबा ने हमें आशीर्वाद दिया है और चारों ओर जबरदस्त उत्साह और उमंग का माहौल है.
उन्होंने लोगों से बिना किसी डर के यात्रा पर आने का आग्रह किया और कहा कि चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था होने के कारण डरने की कोई जरूरत नहीं है. एक अन्य तीर्थयात्री ने कहा, ‘‘बहुत अच्छे इंतजाम हैं। बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं. कड़ी सुरक्षा है. अन्य इंतजाम भी ठीक हैं.’ तीर्थयात्रियों में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे भी शामिल हैं, जो बालटाल के रास्ते बाबा बर्फानी के दर्शन करने जा रही हैं.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को जम्मू के भगवती नगर में यात्रा आधार शिविर से 5,892 श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी. तीर्थयात्री दोपहर में कश्मीर घाटी पहुंचे जहां प्रशासन तथा स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया. तीर्थयात्री अमरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे, जहां बर्फ से बना शिवलिंग प्राकृतिक रूप से प्रकट होता है.
अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए हैं. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को तैनात किया गया है. तीर्थयात्रा का समापन नौ अगस्त को होगा.