मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गुरुवार को अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी की और पीएफआइ ठिकानों पर रेड किया. केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम समेत कुल 12 राज्यों में छापेमारी की गई. इसके साथ ही ईडी भी ने पीएफआइ के कई ठिकानों पर रेड किया. जांच एजेंसियों ने इस मामले में पीएफआई से जुड़े 106 लोगों को गिरफ्तार किया है.
पीएफआइ पर की गई इस छापेमारी का ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने स्वागत किया है. महाज द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, “राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर ही उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज (एआईपीएमएम) छापा मारने के सरकार के फैसले से सहमत हैऔरयह मानता है कि यह देश के सर्वोत्तम हित में है.”
महाज ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि, “राष्ट्रीय सुरक्षा और संविधान के खिलाफ किसी भी तरह की गतिविधि राष्ट्र विरोधी है और इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.”
महाज ने अपने बयान में कहा है, “यदि यह कार्रवाई कानून के पालन और आतंकवाद को रोकने के लिए की जा रही है, तो सभी को धैर्य रखना चाहिए. गिरफ्तार व्यक्तियों पर हत्या, हिंसा और आग्नेयास्त्र रखने जैसे गंभीर अपराधों के आरोप लगाए गए हैं.”
महाज ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पिछले कई दिनों से पीएफआइ के देशविरोधी गतिविधियों में संलग्न होने की खबरें आ रही हैं. इन आरोपों को ध्यान में रखते हुए, देश में मुसलमानों के लिए स्थिरता और शांति को आगे बढ़ाने में मदद करना महत्वपूर्ण है. पीएफआई में कई पदाधिकारी पूर्व में प्रतिबंधित सिमी से ताल्लुक रखते हैं और इन सिमी भी कट्टर सलफ़ी वहाबी विचारधारा का ही पोषक रहा है.”
देश के दलित और पिछड़े मुसलमानों के संगठन ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने साफ कहा है कि पीएफआई खुद को इस्लाम के रक्षक के रूप में पेश करके देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यह रणनीति देश और मुस्लिम समुदाय दोनों के लिए हानिकारक है.
गौरतलब है कि महाज़ ने समय-समय पर पीएफआई की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का विरोध किया है और उन पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया है.