नई दिल्ली
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। फेडरेशन ने भारतीय फुटबॉल की शीर्ष स्तरीय लीग, इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की भविष्य संरचना को लेकर बनी अनिश्चितता पर तुरंत समाधान की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है।
जानकारी के अनुसार, यह मामला सोमवार सुबह सुनवाई के दौरान उठा जब एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को इस विषय में अवगत कराया। एआईएफएफ के वरिष्ठ अधिवक्ता ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2025 संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है, जो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने रखने योग्य एक महत्वपूर्ण पहलू है।
कोर्ट ने मौखिक बहस के दौरान सभी पक्षों को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई, जो 22 अगस्त को निर्धारित है, से पहले अपने लिखित बयान दाख़िल करें।
एआईएफएफ ने अपने बयान में कहा कि वह इस अवसर का उपयोग करते हुए “वाणिज्यिक निरंतरता की तत्काल आवश्यकता और अपनी शीर्ष स्तरीय लीग की भविष्य संरचना तय करने” पर बल देगा, ताकि खिलाड़ियों, क्लबों और अन्य हितधारकों के हितों की रक्षा हो सके, जिनकी आजीविका वर्तमान गतिरोध से प्रभावित हो रही है।
इससे पहले, एआईएफएफ और इंडियन सुपर लीग क्लबों के कानूनी प्रतिनिधियों के बीच गुरुवार को बैठक हुई थी। इसमें 2025-26 आईएसएल सीज़न की शुरुआत में हो रही देरी, खिलाड़ियों और अन्य हितधारकों को हो रही परेशानियों पर चर्चा की गई। बैठक में यह तय हुआ कि इन चिंताओं को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अगले सप्ताह रखा जाएगा, ताकि अदालत इस पर विचार कर सके।