After SIR, the number of registered voters in Bihar decreased by about 65 lakh: Election Commission
पटना
चुनावी राज्य बिहार में निर्वाचन आयोग की ओर से विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत तैयार की गई मसौदा मतदाता सूची में 65 लाख से अधिक गणना प्रपत्र “शामिल नहीं” किए गए हैं, जिससे पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 7.9 करोड़ से घटकर 7.24 करोड़ रह गई है।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, पटना में सबसे ज्यादा 3.95 लाख गणना प्रपत्र को मसौदा मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया है, जबकि मधुबनी में ऐसे गणना प्रपत्र की संख्या 3.52 लाख, पूर्वी चंपारण में 3.16 लाख और गोपालगंज में 3.10 लाख है।
आयोग के अनुसार, एसआईआर की कवायद शुरू होने से पहले बिहार में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या लगभग 7.9 करोड़ बताई गई थी।
हालांकि, उसने बताया कि तब से 22.34 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, 36.28 लाख लोग या तो राज्य से स्थायी रूप से बाहर चले गए हैं या अपने बताए गए पते पर नहीं मिले हैं और 7.01 लाख लोग एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाए गए हैं।
मसौदा मतदाता सूची ऑनलाइन जारी कर दी गई हैं और राज्य के सभी 38 जिलों में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को “दावे और आपत्तियों” के चरण के लिए इनके प्रिंटआउट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह चरण एक सितंबर तक जारी रहेगा और इसके बाद अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
पटना में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसी विपक्षी पार्टियों ने मसौदा मतदाता सूची में साझा किए गए विवरण पर असंतोष व्यक्त किया। ये दल आरोप लगा रहे हैं कि इस कवायद का मकसद राज्य विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की मदद करना है।