उन्नाव मामले में उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर आरोप लगाना राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास: न्यायालय

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 29-12-2025
Accusing High Court judges in Unnao case an attempt to gain political mileage: Court
Accusing High Court judges in Unnao case an attempt to gain political mileage: Court

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर के वकीलों ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया कि उन्नाव बलात्कार मामले में सेंगर की सजा निलंबित करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं, इसपर शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि कुछ लोग “राजनीतिक लाभ” उठाने का प्रयास कर रहे हैं।
 
उच्च न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में सेंगर की आजीवन कारावास की सजा निलंबित कर दी थी। अदालत ने कहा था कि वह पहले ही सात साल और पांच महीने जेल में रह चुका है।
 
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, “हम इसे समझते हैं। हम सच्चाई से अनजान नहीं हैं। हम समझते हैं कि लोग राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।”
 
सेंगर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन ने बताया कि कुछ लोग इस मामले की सुनवाई करने वाले उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को न्यायाधीशों के खिलाफ बयानबाजी करने या आरोप लगाने से बचना चाहिए।
 
हरिहरन ने कहा, ‘‘वे राष्ट्रीय टेलीविजन पर ऐसा कर रहे हैं।"
 
सेंगर की ओर से पेश हुए एक अन्य वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की तस्वीरें भी प्रसारित की जा रही हैं।
 
हरिहरन ने कहा कि न्यायाधीशों पर आरोप लगाने से जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हो रहा है और यह चिंता का विषय है।
 
पीठ ने कहा कि ऐसे लोग यह भूल रहे हैं कि सेंगर को न्यायपालिका ने ही दोषी ठहराया था।
 
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, "स्पष्ट रूप से कहें तो, ये न्यायाधीश हमारे सबसे बेहतरीन न्यायाधीशों में से हैं।"
 
बाद में, न्यायाधीशों के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों के मुद्दे पर पूछे जाने पर, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट व बेबाक ढंग से कहा कि उच्च न्यायालय के दोनों न्यायाधीश "बेदाग, ईमानदार और प्रतिभाशाली" हैं और उन्हें बदनाम करने के किसी भी प्रयास की कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
 
मेहता ने कहा कि वे देश के सर्वश्रेष्ठ न्यायाधीशों में शुमार हैं।