‘आप’ के संजय सिंह ने ‘बचत उत्सव’ की आलोचना की : कहा, जीएसटी लोगों पर ‘बोझ’ डाल रही

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 23-09-2025
AAP's Sanjay Singh criticises 'savings festival', says GST is putting a 'burden' on people
AAP's Sanjay Singh criticises 'savings festival', says GST is putting a 'burden' on people

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की घोषणा की मंगलवार को आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि नयी कर प्रणाली आम लोगों पर भारी बोझ डाल रही है जबकि अमीरों को फायदा पहुंचा रहा है.
 
भारतीय जनता पार्टी ने ‘आप’ के इन आरोपों पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
 
सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नयी दरों के कार्यान्वयन के बाद बचत उत्सव की घोषणा की है। लोग सच्चाई भूल जाते हैं। जब भी प्रधानमंत्री इस तरह की कोई घोषणा करते हैं तो यह आम लोगों के हित में नहीं होता है. इसका एक अच्छा उदाहरण नोटबंदी है... उस उत्सव में लाइनों में इंतजार करते हुए 100 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी.’’
 
आप नेता ने दावा किया कि पिछले आठ सालों में केंद्र ने जीएसटी और अन्य करों से 127 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं जिसका 64 प्रतिशत बोझ 50 प्रतिशत आबादी पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि केवल तीन प्रतिशत हिस्सा शीर्ष 10 प्रतिशत अमीर लोगों से आया है.
 
उन्होंने टिप्पणी की, ‘‘यह बचत उत्सव नहीं बल्कि चपत उत्सव है.’
 
सिंह ने कहा, ‘‘हमें कभी नहीं पता था कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद जीएसटी दरें फिर से बढ़ा दी जाएंगी.
 
उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी के कारण तीन करोड़ लघु उद्योग बंद हो गए तथा सिंह ने सरकार द्वारा हाल ही में स्वदेशी को बढ़ावा देने पर दिए जा रहे जोर पर भी सवाल उठाया.
 
प्रधानमंत्री ने नवरात्र के पहले दिन से लागू की गईं जीएसटी की नयी दरों को खरीदारों के लिए ‘‘बचत उत्सव’’ रविवार को बताते हुए कहा था कि इससे कई प्रकार की वस्तुओं की कीमतें कम हो जाएंगी.
 
अरुणाचल प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान व्यापारियों के साथ अपनी बातचीत का एक वीडियो साझा करते हुए मोदी ने कहा कि यह परिवर्तन देश में बढ़ते आशावाद को दर्शाता है.
 
भारतीय जनता पार्टी ने ‘आप’ के इन आरोपों पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
 
सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नयी दरों के कार्यान्वयन के बाद बचत उत्सव की घोषणा की है। लोग सच्चाई भूल जाते हैं। जब भी प्रधानमंत्री इस तरह की कोई घोषणा करते हैं तो यह आम लोगों के हित में नहीं होता है. इसका एक अच्छा उदाहरण नोटबंदी है... उस उत्सव में लाइनों में इंतजार करते हुए 100 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी.’’
 
आप नेता ने दावा किया कि पिछले आठ सालों में केंद्र ने जीएसटी और अन्य करों से 127 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं जिसका 64 प्रतिशत बोझ 50 प्रतिशत आबादी पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि केवल तीन प्रतिशत हिस्सा शीर्ष 10 प्रतिशत अमीर लोगों से आया है.
 
उन्होंने टिप्पणी की, ‘‘यह बचत उत्सव नहीं बल्कि चपत उत्सव है.’
 
सिंह ने कहा, ‘‘हमें कभी नहीं पता था कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद जीएसटी दरें फिर से बढ़ा दी जाएंगी.
 
उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी के कारण तीन करोड़ लघु उद्योग बंद हो गए तथा सिंह ने सरकार द्वारा हाल ही में स्वदेशी को बढ़ावा देने पर दिए जा रहे जोर पर भी सवाल उठाया.
 
प्रधानमंत्री ने नवरात्र के पहले दिन से लागू की गईं जीएसटी की नयी दरों को खरीदारों के लिए ‘‘बचत उत्सव’’ रविवार को बताते हुए कहा था कि इससे कई प्रकार की वस्तुओं की कीमतें कम हो जाएंगी.
 
अरुणाचल प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान व्यापारियों के साथ अपनी बातचीत का एक वीडियो साझा करते हुए मोदी ने कहा कि यह परिवर्तन देश में बढ़ते आशावाद को दर्शाता है.