जम्मू
जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में स्थित एक सैन्य शिविर में मंगलवार देर रात गोलीबारी की एक घटना में भारतीय सेना के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) की मौत हो गई। रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बुधवार को इस घटना की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और प्रारंभिक स्तर पर किसी भी आतंकी साजिश की आशंका से इनकार किया गया है।
प्रवक्ता के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब जेसीओ ड्यूटी पर तैनात थे। गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सहायता प्रदान की गई, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। सेना के अधिकारियों ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है।
रक्षा प्रवक्ता ने कहा, “जम्मू के सांबा में तैनात सेना की एक यूनिट के जेसीओ को ड्यूटी के दौरान गोली लगी और दुर्भाग्यवश उनकी मृत्यु हो गई। इस मामले में आतंकी संलिप्तता की आशंका को फिलहाल खारिज कर दिया गया है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह घटना सैन्य शिविर के भीतर हुई है और बाहरी हमले या घुसपैठ से जुड़ा कोई संकेत अब तक नहीं मिला है।
सेना ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि गोलीबारी किन परिस्थितियों में हुई और इसके पीछे क्या कारण रहे। सभी संभावित पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है, ताकि घटना से जुड़े तथ्य स्पष्ट हो सकें।
अधिकारियों ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद ही घटना के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। फिलहाल, सेना और सुरक्षा एजेंसियां शिविर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर रही हैं और आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
इस घटना के बाद सैन्य अधिकारियों और जवानों में शोक की लहर है। जेसीओ की सेवा और योगदान को याद करते हुए सेना की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। अधिकारियों ने कहा कि सेना अपने प्रत्येक जवान के जीवन और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। हालांकि, सेना ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा घटना का किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि से कोई संबंध नहीं पाया गया है।






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