केरल में स्रेसन फार्मास्युटिकल्स की सभी दवाइयों की बिक्री पर प्रतिबंध

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 08-10-2025
Sale of all Sreesun Pharmaceuticals medicines banned in Kerala
Sale of all Sreesun Pharmaceuticals medicines banned in Kerala

 

तिरुवनंतपुरम 

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने घोषणा की है कि तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित कंपनी स्रेसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित सभी दवाइयों की केरल में बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोलर द्वारा कंपनी के निर्माण लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद उठाया गया है।

वहीं, गुजरात ड्रग्स कंट्रोलर ने रिपोर्ट किया है कि अहमदाबाद की रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित Respifresh TR सिरप (60 मिली, बैच नंबर R01GL2523) गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा। इसके बाद केरल ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने राज्य में इस दवा के वितरण और बिक्री को तुरंत रोक दिया है।

सिरप के वितरण में शामिल केरल के पांच सप्लायर्स को अब इसकी बिक्री बंद करने का निर्देश दिया गया है। दवा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जनता से भी अनुरोध किया गया है कि यदि उनके पास यह दवा है तो इसका उपयोग न करें।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि ये दवाइयां सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं कराई जातीं। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि बिना पंजीकृत डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के 12 साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा देने वाले संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

इससे पहले, केरल सरकार ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कम से कम 14 बच्चों की मौत के बाद पेडियाट्रिक कफ सिरप की स्थिति की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। केरल स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि केरल ड्रग्स कंट्रोलर ने विशेष रूप से इस कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है और केरल मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (KMSCL) इसे सरकारी अस्पतालों में सप्लाई नहीं करता है।

एएनआई से बातचीत में वीणा जॉर्ज ने कहा, "यह बहुत दुखद है कि 16 बच्चों की मौत कोल्डरिफ कफ सिरप के सेवन के कारण हुई। भारत सरकार ने इसके सेवन को लेकर सलाह जारी की है। केरल में ड्रग्स कंट्रोलर ने सभी फार्मेसियों में इस सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमारी आवश्यक दवाओं की सूची में यह सिरप शामिल नहीं है और KMSCL इसे सरकारी अस्पतालों में नहीं पहुंचाता। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्राइवेट अस्पतालों और फार्मेसियों में इसकी बिक्री न हो।"

वीणा जॉर्ज ने बताया कि पेडियाट्रिक कफ सिरप के प्रबंधन पर बनी समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। "हमने पहले एंटीबायोटिक्स के मामले में भी सख्ती की है और इस बार पेडियाट्रिक कफ सिरप के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी करने का फैसला किया है।"

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ डॉक्टर 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप लिख रहे हैं, जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सही नहीं है। उन्होंने कहा, "हमारे पास कफ सिरप के सेवन को लेकर प्रोटोकॉल है और 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देना उचित नहीं है। केरल स्वास्थ्य विभाग ने ड्रग्स कंट्रोलर से pharmacies को यह निर्देश जारी करने को कहा है कि वे बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बच्चों को पेडियाट्रिक दवाएं न दें।"