खांसी सिरप से बच्चों की मौतें: CDSCO ने 6 राज्यों में शुरू की जांच

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 04-10-2025
Cough syrup causes child deaths: CDSCO launches probe in 6 states
Cough syrup causes child deaths: CDSCO launches probe in 6 states

 

नई दिल्ली

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित रूप से दूषित खांसी सिरप के कारण बच्चों की मौतों के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने छह राज्यों में स्थित दवा निर्माण इकाइयों की जोखिम आधारित जांच शुरू कर दी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, यह निरीक्षण हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में स्थित उन इकाइयों में किया जा रहा है, जहां से 19 प्रकार की दवाओं के नमूने—जिनमें खांसी की दवाएं, बुखार कम करने वाली और एंटीबायोटिक्स शामिल हैं—एकत्र किए गए थे।

CDSCO की यह जांच शुक्रवार से शुरू हुई और इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि गुणवत्ता में संभावित चूक कहां हुई और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए प्रक्रिया में कैसे सुधार लाया जा सकता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि विशेषज्ञों की एक बहुविभागीय टीम, जिसमें राष्ट्रीय विषाणु संस्थान (NIV), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI), CDSCO और AIIMS नागपुर के विशेषज्ञ शामिल हैं, अभी भी जांच कर रही है कि बच्चों की मौतों का कारण क्या था।

अभी तक जांच के निष्कर्ष

मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि CDSCO द्वारा परीक्षण किए गए 6 और मध्य प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन (MPFDA) द्वारा जांचे गए 3 नमूने डायथिलीन ग्लाइकोल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकोल (EG) जैसे खतरनाक रसायनों से मुक्त पाए गए हैं। यह दोनों रसायन गंभीर गुर्दा क्षति के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।

हालांकि, मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ये नमूने वे नहीं थे जो Coldrif और एक अन्य संदेहास्पद खांसी सिरप के थे। CDSCO ने जिन छह दवाओं की जांच की, वे अन्य सिरप और दवाएं थीं जिन्हें बीमार हुए बच्चों ने सेवन किया था।

Coldrif और अन्य संदेहास्पद सिरप के नमूनों की जांच अभी भी मध्य प्रदेश राज्य औषधि प्राधिकरण द्वारा की जा रही है।

तमिलनाडु में जांच और प्रतिबंध

मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने कांचीपुरम स्थित Sresan Pharma के उत्पादन केंद्र से लिए गए Coldrif सिरप के नमूनों की जांच की। रिपोर्ट के अनुसार, नमूनों में DEG की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पाई गई।

इसके बाद, तमिलनाडु सरकार ने इस सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और बाज़ार से इसकी सभी स्टॉक हटाने का आदेश दिया।

कांचीपुरम के सुनगुवर्चात्रम क्षेत्र में स्थित फैक्ट्री में भी दो दिन तक निरीक्षण हुआ और अतिरिक्त नमूने एकत्र किए गए।

मध्य प्रदेश सरकार ने भी अब Coldrif सिरप की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है और हिमाचल प्रदेश औषधि प्राधिकरण को एक अन्य संदिग्ध सिरप की जांच के लिए पत्र लिखा है।

बच्चों की मौतें और राज्य सरकारों की कार्रवाई

अब तक 9 बच्चों की मौत मध्य प्रदेश में और 2 बच्चों की मौत राजस्थान में हुई है। फिलहाल 13 बच्चे, जिनमें से 8 छिंदवाड़ा और नागपुर से हैं, उपचाराधीन हैं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि बच्चों की मौत अत्यंत दुखद है और Coldrif सिरप की बिक्री पर राज्यभर में रोक लगा दी गई है। साथ ही, उस कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी रोक लगाई जा रही है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

वहीं केरल सरकार ने भी ऐहतियात के तौर पर Coldrif सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है। हालांकि, राज्य में इसकी संदिग्ध खेप नहीं बेची गई थी, फिर भी नमूने लिए गए हैं और जांच जारी है।

राजस्थान में कार्रवाई

राजस्थान सरकार ने Kaysons Pharma नामक जयपुर स्थित कंपनी की सभी 19 दवाओं की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। इसके अलावा, राज्य औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया गया है, उन पर दवा मानकों की जांच में हस्तक्षेप करने का आरोप है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया है।

केंद्र सरकार की सख्ती और सलाह

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि खांसी और सर्दी की दवाएं 2 साल से कम उम्र के बच्चों को न दी जाएं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक (DGHS) ने कहा है कि ये दवाएं आमतौर पर 5 वर्ष से ऊपर के बच्चों के लिए ही उपयुक्त मानी जाती हैं और तब भी चिकित्सकीय मूल्यांकन, सीमित अवधि और सटीक खुराक के साथ ही दी जानी चाहिए।

अब गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए हानिकारक दवाओं पर विशेष चेतावनी लेबल लगाने का भी निर्णय लिया गया है।

उत्तराखंड में छापेमारी

उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की संयुक्त टीमों ने मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पताल की फार्मेसियों पर छापे मारे हैं।

राजस्थान मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (RMSCL) के एमडी पुखराज सेन ने बताया कि Kaysons Pharma की 2012 से अब तक 10,000 से अधिक दवाओं के नमूनों की जांच हुई है, जिनमें से 42 गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो चुके हैं।



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