शोध: हार्ट अटैक संक्रामक भी हो सकते हैं

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 12-09-2025
Research: Heart attacks can also be contagious
Research: Heart attacks can also be contagious

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
फिनलैंड और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने ऐसा अहम सबूत पेश किया है, जो हार्ट अटैक के बारे में अब तक की हमारी समझ को चुनौती देता है। उनके अनुसार दिल के दौरे (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) का कारण केवल कोलेस्ट्रॉल या जीवनशैली नहीं, बल्कि छिपे हुए जीवाणु भी हो सकते हैं.

कैसे छिपते हैं बैक्टीरिया

शोध में पाया गया कि हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल से बनी पट्टिकाओं (प्लाक) के भीतर बैक्टीरिया का जिलेनुमा “बायोफिल्म” वर्षों या दशकों तक सोया हुआ रह सकता है। यह बायोफिल्म शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता और दवाओं से बचा रहता है क्योंकि उसकी परतें बहुत सघन होती हैं.
 
कब होता है हमला

जब कोई वायरल संक्रमण या बाहरी ट्रिगर इस बायोफिल्म को सक्रिय करता है, तो बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं, सूजन होती है और प्लाक का रेशेदार आवरण टूट सकता है। इससे खून का थक्का (थ्रोम्बस) बनता है और अंततः दिल का दौरा पड़ जाता है.
 
पहली बार प्रत्यक्ष प्रमाण

प्रो. पेक्का कारहुनन के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन ने पहली बार मायोकार्डियल इंफार्क्शन को संभावित संक्रामक रोग के रूप में दिखाया। शोधकर्ताओं ने एथेरोस्क्लेरोटिक प्लाक में कई तरह के ओरल बैक्टीरिया के डीएनए पाए। इन बैक्टीरिया के विरुद्ध तैयार की गई एक विशेष एंटीबॉडी ने धमनी ऊतक में अप्रत्याशित रूप से बायोफिल्म की संरचना उजागर कर दी.
 
इलाज और रोकथाम की नई राहें

इस खोज से हार्ट अटैक के निदान, इलाज और यहां तक कि वैक्सीन बनाने की संभावनाएं भी खुलती हैं। लंबे समय से बैक्टीरिया की भूमिका को लेकर संदेह तो था, मगर सीधा और ठोस प्रमाण पहली बार मिला है.
 
कहाँ हुआ अध्ययन

यह अध्ययन टाम्पेरे और ओलु विश्वविद्यालयों, फिनलैंड के स्वास्थ्य एवं कल्याण संस्थान और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड ने किया। नमूने अचानक हृदयगति रुकने से मृत लोगों और एथेरोस्क्लेरोसिस के इलाज के लिए सर्जरी करवा रहे रोगियों से लिए गए.