बदलते मौसम में कैसे रखें खुद की सेहत का ख्याल?

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 06-09-2025
How to take care of your health in changing weather?
How to take care of your health in changing weather?

 

अर्सला खान/नई दिल्ली

बदलते मौसम में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अक्सर कमजोर पड़ने लगती है. बारिश के कारण मच्छरों का पनपना, सर्दी-जुकाम या संक्रमण जैसी समस्याएं शरीर को बीमारियों के प्रति संवेदनशील बना देती हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि दवाओं या सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहने के बजाय लोग योग को अपनी जीवनशैली में शामिल कर अपनी इम्यूनिटी को स्वाभाविक रूप से मजबूत कर सकते हैं.
 
योग विशेषज्ञ बताते हैं कि योग के कुछ आसान आसनों को नियमित रूप से करने से न केवल शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है बल्कि मानसिक संतुलन भी बना रहता है.
 
सूर्यनमस्कार

आसनों की शुरुआत सूर्यनमस्कार से करने की सलाह दी जाती है। यह 12 स्टेप्स का सीक्वेंस है, जो पूरे शरीर को वार्मअप करता है. रोज़ाना 5–10 राउंड सूर्यनमस्कार करने से मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है, इम्यूनिटी मजबूत होती है और शरीर बदलते मौसम के अनुरूप ढल पाता है.
 
 
वृक्षासन

एक पैर पर खड़े होकर दूसरे पैर को घुटने पर रखने और हाथों को ऊपर उठाने वाला यह आसन संतुलन और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है. रोज़ाना 30 सेकंड तक वृक्षासन करने से मानसिक तनाव कम होता है और शरीर मौसम के बदलाव के प्रति अधिक अडैप्टिव बनता है.
 
 
भुजंगासन

पेट के बल लेटकर छाती को ऊपर उठाने वाला यह आसन (जिसे ‘कोबरा पोज’ भी कहा जाता है) श्वसन तंत्र को मज़बूत करता है, पीठ के दर्द में राहत देता है और बदलते मौसम में कोल्ड-फ्लू जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करता है.
 
 
शवासन

ध्यान और रिलैक्सेशन के लिए शवासन सबसे उपयोगी आसनों में से है. पीठ के बल लेटकर आंखें बंद करने और गहरी सांस लेने से शरीर को रेस्ट मिलता है, तनाव कम होता है और संक्रमणों के प्रति शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. योग विशेषज्ञों का कहना है कि इन चारों आसनों को रोज़ाना दिनचर्या में शामिल करके मौसम के बदलने के समय शरीर और मन को स्वस्थ रखा जा सकता है. शुरुआती स्तर पर आसनों को धीरे-धीरे और श्वास की गति पर ध्यान रखते हुए करना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें.