नई दिल्ली. भारत में जैसे-जैसे टीकाकरण का दायरा बढ़ रहा है, उपभोक्ता कोविड संक्रमण के बारे में कम चिंतित होते जा रहे हैं और अपने विवेकाधीन (स्वनिर्णयगत) खर्च बढ़ा रहे हैं. डेलॉयट के एक सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है. डेलॉयट टौच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी के ग्लोबल स्टेट ऑफ कंज्यूमर ट्रैकर ने समग्र चिंता के स्तर में छह प्रतिशत की गिरावट के साथ कुल स्तर 39 प्रतिशत का संकेत दिया, क्योंकि देश भर में नए कोविड -19 मामलों की संख्या में कमी जारी है.
डेलॉयट के एक बयान में कहा गया है कि भारतीय उपभोक्ताओं ने आगामी त्योहारों जैसे ईद, रक्षा बंधन, जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी की प्रत्याशा में विवेकाधीन खर्च बढ़ाने का इरादा दिखाया है. सभी आयु समूहों में, सुविधा पर अधिक खर्च करने की प्राथमिकता बनी हुई है.
लगभग 87 प्रतिशत उपभोक्ता अधिक खर्च करने को तैयार हैं, क्योंकि वे कीमत से अधिक सुविधा को प्राथमिकता देते हैं और 61 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने संकेत दिया है कि वे अब दुकानों पर जाकर खरीदारी करने में सुरक्षित महसूस करते हैं.
इसके अलावा, 51 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने व्यक्तिगत कार्यक्रमों में भाग लेने की इच्छा दिखाई है.
हालांकि, स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं अभी भी बनी हुई हैं और 79 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और 85 प्रतिशत अपने परिवार के स्वास्थ्य के बारे में भी चिंतित हैं.
डेलॉयट के ग्लोबल स्टेट ऑफ कंज्यूमर ट्रैकर से संकेत मिलता है कि 55 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों (43 फीसदी) की तुलना में युवा वयस्क अधिक (47 फीसदी) बचत कर रहे हैं. जबकि कॉपोर्रेट इंडिया अभी भी काम पर लौटने की नीति का मूल्यांकन कर रहा है और इस बीच घर से काम करने से कर्मचारियों को परिवहन और किराए पर काफी बचत करने में मदद मिली है.
पोरस डॉक्टर, पार्टनर और कंज्यूमर इंडस्ट्री लीडर, डीटीटीआईएलएलपी ने कहा, हमारे नवीनतम सर्वेक्षण अंतदृष्टि से संकेत मिलता है कि भारतीय उपभोक्ता कम चिंता के संकेत दिखा रहे हैं और विवेकाधीन खर्चों को बढ़ाने के लिए तैयार हैं.
बयान के अनुसार, केवल 20 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता अपने कार्यस्थल पर लौटने के बारे में चिंतित हैं, लेकिन 65 प्रतिशत अपनी नौकरी खोने के बारे में चिंतित हैं. यात्रा की भावनाएं सकारात्मक रुझान दिखा रही हैं, 35 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के उपभोक्ताओं ने अगले तीन महीनों में अवकाश के लिए यात्रा करने में रुचि दिखाई है और 58 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने संकेत दिया है कि वे एक होटल में रहने में सहज हैं.