काबुल
अफ़ग़ानिस्तान की तत्काल चिकित्सा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भारत ने इन्फ्लुएंज़ा और मेनिन्जाइटिस की 63,734 खुराकें काबुल भेजी हैं। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने X पर साझा की। उन्होंने लिखा,
“अफ़ग़ानिस्तान के सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए भारत ने काबुल को 63,734 डोज़ वैक्सीन की आपूर्ति की है।”
यह सहायता उस बड़े मानवीय पैकेज के बाद पहुँची है, जिसके तहत भारत ने पिछले सप्ताह 73 टन जीवनरक्षक दवाइयाँ, टीके और आवश्यक पोषक तत्व अफ़ग़ानिस्तान भेजे थे, ताकि देश की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति को सुधारा जा सके। जायसवाल ने इसे अफ़ग़ान स्वास्थ्य प्रयासों को मजबूती देने की दिशा में भारत का निरंतर योगदान बताया।
विदेश मंत्रालय ने 3 नवंबर को भी पुष्टि की थी कि भारत ने भूकंप प्रभावित परिवारों के लिए खाद्य सामग्री भेजी है। जायसवाल ने इसकी तस्वीरें साझा करते हुए कहा था कि भारत हमेशा की तरह “पहला प्रतिक्रिया देने वाला देश” है।
इससे पहले भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से बातचीत कर बाल्ख, समनगन और बगलान प्रांतों में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए लोगों के लिए संवेदना व्यक्त की। उन्होंने बताया कि भारतीय राहत सामग्री प्रभावित समुदायों तक पहुँचाई जा रही है और अतिरिक्त दवाइयाँ जल्द भेजी जाएँगी।
जयशंकर ने X पर लिखा,“अफ़ग़ान विदेश मंत्री मुत्ताकी से बात कर भूकंप में हुए जनहानि पर शोक व्यक्त किया। भारतीय राहत सामग्री आज सौंपी जा रही है और जल्द ही दवाओं की नई खेप भी पहुँचाई जाएगी।”
सोमवार तड़के 2 बजे आए 6.3 तीव्रता के भूकंप ने उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान को हिला दिया था, जिसमें कम से कम 20 लोगों की मौत और 300 से अधिक घायल हुए।जयशंकर ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच लोगों के बीच संपर्क बेहतर हुआ है और क्षेत्रीय स्थिति पर उपयोगी चर्चा हुई है।
भारत की यह निरंतर मानवीय सहायता उसके इस सिद्धांत को मजबूत करती है कि संकट की घड़ी में अफ़ग़ान जनता के साथ खड़ा रहना भारत की प्राथमिकता है।