भारतीय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र चालू वित्त वर्ष के अंत तक 535 अरब डॉलर होने का अनुमान: विशेषज्ञ

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 05-09-2025
Indian food processing sector estimated to be $535 billion by end of current fiscal year: Experts
Indian food processing sector estimated to be $535 billion by end of current fiscal year: Experts

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
बढ़ती खपत, निर्यात और 'मेक इन इंडिया' पर सरकार के जोर के साथ देश का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र वित्त वर्ष 2025-26 तक 535 अरब डॉलर तक हो सकता है। उद्योग विशेषज्ञों ने यह कहा।
 
इंफॉर्मा मार्केट्स द्वारा आयोजित फाई इंडिया और प्रोपैक इंडिया कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि एआई स्वचालन और स्मार्ट पैकेजिंग इस उद्योग को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं तथा भारत में खाद्य एवं पैकेजिंग सामग्री के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने की क्षमता है।
 
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत का जैविक खाद्य बाजार वर्ष 2033 तक 20.13 प्रतिशत की संचयी सालाना वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 10.8 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि खाद्य सामग्री बाजार सात से आठ प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ रहा है।
 
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के प्रौद्योगिकी प्रबंधन निदेशालय की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. मीनाक्षी सिंह ने कहा कि खाद्य सामग्री खाद्य क्षेत्र की रीढ़ हैं और पैकेजिंग सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
 
उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) जैसी योजनाओं के समर्थन से, उद्योग में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है। यह भारत और विदेशों से 350 से अधिक प्रदर्शकों की भागीदारी से साबित होता है।
 
वर्ष 2025 में, सख्त लेबलिंग, जैविक खाद्य मानकों और उपभोक्ता जागरूकता पर एफएसएसएआई का ध्यान, उद्योग गतिविधियों को आकार दे रहा है, ऐसे समय में जब भारत का जैविक खाद्य बाजार वर्ष 2024 में पहले ही 191.7 करोड़ डॉलर तक पहुंच चुका है और वर्ष 2033 तक 20.13 प्रतिशत की संचयी वार्षिक वृद्धि दर से बढ़कर 1,080.7 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।’’
 
इंफॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कहा कि भारतीय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र एक बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जो बढ़ती स्वास्थ्य जागरूकता, जैविक और पादप-आधारित खाद्य पदार्थों के प्रति बढ़ती प्राथमिकता और आहार संबंधी प्रतिरूप में उल्लेखनीय बदलाव से प्रेरित है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2025 तक जैविक खाद्य बाजार के 75,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, और अधिकांश उपभोक्ता स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों के लिए अधिक भुगतान करने को तैयार हैं, इसलिए उद्योग फलों, सब्जियों और पादप-आधारित उत्पादों में तेजी से विस्तार देख रहा है।’’