100 अरब तारों वाली पहली मिल्की वे सिमुलेशन तैयार

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 22-11-2025
First Milky Way simulation with 100 billion stars created
First Milky Way simulation with 100 billion stars created

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से पहली बार ऐसी मिल्की वे आकाशगंगा का मॉडल तैयार किया है, जिसमें 100 अरब से अधिक तारों को अलग-अलग ट्रैक किया जा सकता है। यह अभूतपूर्व उपलब्धि जापान के रिकेन iTHEMS सेंटर के केइया हिराशिमा के नेतृत्व में हुई, जिनके साथ टोक्यो विश्वविद्यालय और बार्सिलोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ता जुड़े थे। यह मॉडल न केवल पहले के मुकाबले 100 गुना अधिक तारों का विवरण रखता है, बल्कि 100 गुना तेज गति से तैयार भी हुआ है
 
अब तक वैज्ञानिक पूरी आकाशगंगा को तारों के स्तर पर मॉडल नहीं कर पाए थे, क्योंकि इतने विशाल डेटा को संसाधित करना अत्यंत जटिल और समय लेने वाला था। पारंपरिक मॉडलों में एक "पार्टिकल" लगभग 100 तारों का प्रतिनिधित्व करता था, जिससे व्यक्तिगत तारों के व्यवहार को ठीक से समझना संभव नहीं हो पाता था। इसके अलावा सुपरनोवा जैसी घटनाओं को पकड़ने के लिए बहुत छोटे टाइमस्टेप की आवश्यकता होती है, जिससे कंप्यूटेशनल लोड कई गुना बढ़ जाता है।
 
नए मॉडल की खासियत यह है कि इसमें डीप लर्निंग आधारित सरोगेट मॉडल को हाई-रेज़ोल्यूशन भौतिकीय सिमुलेशन के साथ जोड़ा गया है। यह AI सुपरनोवा के बाद 1 लाख वर्षों तक गैस के फैलाव को स्वयं पूर्वानुमानित कर लेता है, जिससे मुख्य सिमुलेशन पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता। इस तकनीक की बदौलत शोधकर्ताओं ने 10 हजार वर्षों की मिल्की वे की गतिविधि को अभूतपूर्व सटीकता और गति से तैयार कर लिया।
 
इस सिमुलेशन की पुष्टि रिकेन के फुगाकु सुपरकंप्यूटर और टोक्यो विश्वविद्यालय के मियाबी सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम से तुलना करके की गई। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तकनीक केवल खगोल विज्ञान ही नहीं, बल्कि मौसम विज्ञान, समुद्र विज्ञान और जलवायु मॉडलिंग जैसी कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है, जहाँ बड़े पैमाने की प्रणालियों को छोटे पैमाने की भौतिक प्रक्रियाओं से जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती रही है।