आवाज द वाॅयस नई दिल्ली
बॉलीवुड सुपरस्टार और मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की फिल्म ‘लगान‘ ने हिंदी सिनेमा की मुख्यधारा में उनके करियर को बदल दिया. इस फिल्म को बीस वर्ष से अधिक हो गए हैं. अब जाकर उन्हांेने राज खोला कि पहले तो वह लगान बनाना ही नहीं चाहते थे.
यह एक क्लासिक फिल्म है जिसने दशकों से बॉलीवुड में बनने वाली फॉर्मूला फिल्मों की परंपरा को बदल कर रख दिया है. लगान रिलीज होने के 20 साल बाद भी इस फिल्म को पसंद किया जाता है.
हालांकि, जब फिल्म के निर्देशक आशुतोष ग्वारीकर ने आमिर खान को फिल्म में काम करने के लिए संपर्क किया, तो आमिर खान ने कहा कि ऐसी फिल्में सफल नहीं होतीं. उन्हें लगा कि यह एक अजीब और बेकार फिल्म होगी. तो हुआ ये कि न सिर्फ वो इस फिल्म को करने के लिए तैयार हुए बल्कि ये उनका पहला प्रोडक्शन भी था.
आशुतोष ग्वारीकर के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए आमिर खान ने एक इंटरव्यू में कहा कि जब उन्होंने फिल्म का नाम सुना और बात की तो उन्होंने पांच मिनट के भीतर इस ऑफर को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
आशुतोष ग्वारिकर ने अपनी कोशिशें जारी रखीं. तीन महीने बाद वे पूरी स्क्रिप्ट आमिर खान के पास ले गए, फिर भी उन्हें सिनेमा की स्क्रिप्ट पर भरोसा नहीं था.इसके बाद आमिर खान ने अपने माता-पिता से सलाह ली जिन्होंने आमिर खान को यह फिल्म बनाने के लिए राजी किया.
इससे पहले, आमिर खान ने अपने फिल्म निर्माता और निर्देशक पिता, ताहिर हुसैन से वादा किया था कि वह कभी भी एक फिल्म का निर्माण नहीं करेंगे, लेकिन लगान ने उस वादे को बदल दिया. उन्होंने रुपये खर्च किए, जो एक बड़ा जोखिम था. फिर चार साल की मेहनत के बाद जब ये फिल्म बनी तो इसने आमिर खान का करियर ही बदल दिया.