इन बातों पर खुलकर बोलने से डरती थी, इरा खान ने फिटनेस, बॉडी इमेज और अवसाद पर तोड़ी चुप्पी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 31-12-2025
Was afraid to speak openly on these things, Ira Khan broke her silence on fitness, body image and depression
Was afraid to speak openly on these things, Ira Khan broke her silence on fitness, body image and depression

 

नई दिल्ली |

बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की बेटी इरा खान ने हाल ही में एक वीडियो संदेश के ज़रिए अपनी सेहत, फिटनेस और मानसिक संघर्षों को लेकर खुलकर बात की है। इरा ने बताया कि वह लंबे समय से शारीरिक और मानसिक चुनौतियों से जूझ रही हैं और इस विषय पर सार्वजनिक रूप से बोलना उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्हें लगा कि इस पर बात करना बेहद ज़रूरी है।

वीडियो में इरा कहती हैं, “हां, मैं मोटी हूं। 2020 से मुझे कभी मोटा, कभी अनफिट और कभी ओवरवेट महसूस हुआ है। अभी भी बहुत सी बातें हैं जिन्हें मुझे समझना है।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि लोगों की अनचाही टिप्पणियों ने उन्हें गहराई से आहत किया है। इरा का कहना है कि ऐसी टिप्पणियां सिर्फ़ शरीर पर नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती हैं।

इरा ने बताया कि अब उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर बोलने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि उन्हें अपने भीतर कुछ सकारात्मक बदलाव महसूस हो रहे हैं। उनके शब्दों में, “कम से कम अब मुझे अपने अंदर एक अच्छा बदलाव दिख रहा है।” हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि अवसाद के बारे में बात करना आज भी उनके लिए आसान नहीं है। “मुझे इन चीज़ों के बारे में बात करने से डर लगता था,” उन्होंने कहा।

इरा ने आगे बताया कि अवसाद के दौर में वह अपने दोस्तों के अच्छे पलों का भी हिस्सा नहीं बन पाती थीं। “मैं इतनी परेशान थी कि किसी भी कार्यक्रम में जाना छोड़ देती थी। दोस्तों की खुशियों से खुद को दूर कर लेती थी,” उन्होंने साझा किया। लेकिन अब वह इस चुप्पी को तोड़ना चाहती हैं और अपने अनुभवों को सामने लाना चाहती हैं।

अंत में इरा ने कहा, “मैं अपने सारे विचार, अपनी मौजूदा सोच और अपने संघर्ष आपके साथ साझा करना चाहती हूं। उम्मीद है इससे मुझे मदद मिलेगी। और अगर इससे किसी और को भी सहारा मिलता है, तो यह मेरे लिए सबसे बड़ी बात होगी।” इरा की यह ईमानदार स्वीकारोक्ति मानसिक स्वास्थ्य और बॉडी इमेज पर ज़रूरी बातचीत को आगे बढ़ाने की एक अहम कोशिश के रूप में देखी जा रही है।