मीडियाकर्मियों पर भड़के सनी देओल, बोले – शर्म नहीं आती?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 13-11-2025
Sunny Deol got angry at the media persons and said – are you not ashamed?
Sunny Deol got angry at the media persons and said – are you not ashamed?

 

मुंबई

वरिष्ठ अभिनेता धर्मेंद्र के स्वास्थ्य और उनके परिवार की निजी ज़िंदगी पर मीडिया की लगातार नज़रबानी से नाराज़ होकर अभिनेता सनी देओल ने गुरुवार को अपने घर के बाहर मौजूद मीडियाकर्मियों पर कड़ी नाराज़गी जताई।

पिछले कुछ दिनों से धर्मेंद्र की तबीयत को लेकर मीडिया में तरह-तरह की खबरें और अफवाहें फैल रही हैं। देओल परिवार कई बार मीडिया से अपील कर चुका है कि वे इस नाज़ुक समय में परिवार की निजता का सम्मान करें। इसके बावजूद बुधवार को अस्पताल से एक वीडियो लीक हुआ, जिसमें धर्मेंद्र के परिजन कथित तौर पर उनके पास भावुक नज़र आ रहे हैं।

बुधवार सुबह धर्मेंद्र को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और उन्हें घर ले जाया गया। इससे एक दिन पहले, मंगलवार को कुछ मीडिया संस्थानों ने गलती से धर्मेंद्र के निधन की झूठी खबरें चला दी थीं, जिसके बाद सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई थी।

बाद में सामने आए एक वीडियो में सनी देओल को अपने जुहू स्थित घर से बाहर निकलते और वहां मौजूद पत्रकारों पर भड़के हुए देखा जा सकता है। 68 वर्षीय सनी देओल कैमरों की ओर मुखातिब होकर कहते दिखे,“आप लोगों को शर्म आनी चाहिए! आपके घर में भी मां-बाप हैं, बच्चे हैं... ज़रा सोचिए, शर्म नहीं आती?”

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, 89 वर्षीय धर्मेंद्र को कुछ नियमित जांचों के लिए भर्ती कराया गया था और अब उनका इलाज घर पर ही जारी रहेगा। ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉक्टर प्रतीत समदानी ने बताया कि परिवार ने धर्मेंद्र की देखभाल घर पर करने का निर्णय लिया है।

देओल परिवार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर मीडिया और जनता से अफवाहों पर विश्वास न करने और परिवार की निजता का सम्मान करने की अपील की है।मंगलवार को जब धर्मेंद्र के निधन की झूठी खबरें फैलीं, तो उनकी पत्नी हेमा मालिनी और बेटी ईशा देओल ने मीडिया के कुछ वर्गों की गैर-जिम्मेदारी की कड़ी आलोचना की।

दो दिनों से लगातार अस्पताल और सनी देओल के घर के बाहर बड़ी संख्या में मीडिया कर्मियों की भीड़ जुटी हुई है। परिवार का कहना है कि इस तरह की अनावश्यक हलचल से न केवल मरीज को परेशानी होती है, बल्कि परिवार की भावनाओं को भी ठेस पहुँचती है।