नई दिल्ली
बहुमुखी प्रतिभा के धनी बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हाल ही में खुलासा किया कि फिल्मों में हिंसक भूमिकाएँ निभाने के कारण उनके पिता ने उन्हें अपने गाँव आने से मना कर दिया था। लेकिन ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के बाद यह स्थिति बदल गई।
51 वर्षीय नवाजुद्दीन सिद्दीकी को समकालीन बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में गिना जाता है। इसकी वजह उनकी बहुमुखी प्रतिभा और किरदारों में पूरी तरह डूब जाने की कला है।
हालांकि इस मुकाम तक पहुँचने का सफर आसान नहीं था। नवाजुद्दीन ने अपने करियर की शुरुआत ‘सरफरोश’ और ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ जैसी फिल्मों में छोटे और मामूली रोल से की। शुरुआती भूमिकाओं में अक्सर उन्हें आपराधिक या पृष्ठभूमि वाले किरदार निभाने पड़ते थे, जिनमें ज़्यादातर उन्हें पिटाई का सामना करना पड़ता था।
यूट्यूबर राज शमनी के साथ बातचीत में नवाजुद्दीन ने बताया कि उनके शुरुआती रोल उनके पिता को बहुत परेशान करते थे। गाँव के लोग उनके पिता से कहते थे कि उनके बेटे को हमेशा फिल्मों में पिटाई का सामना करना पड़ता है, जिससे पिता चिंतित रहते थे।
नवाजुद्दीन ने कहा, “हम पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं, जहाँ सभी को बहुत गर्व है। मेरे पिता ने मुझसे पूछा, तुम ये भूमिकाएँ क्यों करते रहते हो? मैंने कहा, मुझे और कुछ नहीं मिलता, मैं अच्छे किरदारों के लिए कोशिश कर रहा हूँ। इसके बाद उन्होंने कहा कि फिल्मों में पिटने के बाद मैं घर नहीं आया। मेरा दिल इतना टूट गया कि मैं तीन साल तक अपने गाँव नहीं गया।”
लेकिन ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के बाद जब नवाजुद्दीन गाँव लौटे, तो उन्होंने पिता से पूछा कि अब वे क्या सोचते हैं। नवाजुद्दीन ने बताया कि पिता मुस्कुराते हुए बोले, “अब तुमने बहुत अच्छा काम किया है।”
मौजूदा प्रोजेक्ट की बात करें तो नवाजुद्दीन हाल ही में हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘थम्मा’ में नजर आए, जिसमें उनके साथ आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना भी थीं। यह फिल्म इस दिवाली पर रिलीज़ हुई और दुनिया भर में 125 करोड़ रुपये का कारोबार करने में सफल रही।