नई दिल्ली
भारतीय सिनेमा के चर्चित अभिनेता आर माधवन ने अपने पर्सनल और पब्लिसिटी राइट्स की रक्षा के लिए अदालत का रुख किया, जिस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने वेबसाइट्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को बिना अनुमति अभिनेता के नाम, तस्वीर, आवाज़ और उनसे जुड़े किसी भी प्रकार के कंटेंट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि डिजिटल मीडिया पर आर माधवन से जुड़ा कोई भी आपत्तिजनक, भ्रामक या अश्लील कंटेंट तत्काल हटाया जाए। यह मामला तब सामने आया, जब अभिनेता के नाम से जुड़े नकली मूवी ट्रेलर और अश्लील सामग्री सोशल मीडिया व अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने लगी।
गौरतलब है कि भारतीय फिल्म उद्योग में यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, कुमार सानू और सलमान खान जैसे कई बड़े नाम भी अपने पर्सनल राइट्स की सुरक्षा के लिए अदालत का सहारा ले चुके हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट पहले ही कई हस्तियों को इस तरह की कानूनी सुरक्षा प्रदान कर चुका है।
आर माधवन के मामले में अदालत ने यह माना कि किसी भी व्यक्ति—खासकर सार्वजनिक जीवन से जुड़ी शख्सियत—की पहचान, छवि और नाम का व्यावसायिक या आपत्तिजनक इस्तेमाल उसकी निजता और प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि डिजिटल युग में इस तरह के दुरुपयोग पर कड़ा नियंत्रण आवश्यक है।
हालांकि, भारतीय अदालतों ने अब तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से तैयार कंटेंट को लेकर कोई अंतिम और व्यापक दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं, लेकिन कोर्ट ने साफ किया है कि वह इस उभरते खतरे को लेकर गंभीरता से विचार कर रहा है। डीपफेक, फर्जी वीडियो और नकली ऑडियो जैसे मामलों को भविष्य में एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
इस केस की अगली सुनवाई मई 2026 में निर्धारित की गई है। माना जा रहा है कि यह फैसला न सिर्फ फिल्मी हस्तियों, बल्कि आम नागरिकों के डिजिटल अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण नज़ीर बनेगा।






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