"स्कूल के दिनों से ही मुझे थिएटर में काम करने का शौक रहा है. एक बात यह है कि मैं एक्टर बनना चाहता था. मैंने सातवीं कक्षा में ही यह तय कर लिया था. मुझे बचपन से ही थिएटर में दिलचस्पी रही है. फिर मैं इंटर-स्कूल, इंटर-कॉलेज और इंटर-स्टेट कॉम्पिटिशन में गया, एक प्रोफेशनल एक्टर बना और नाटकों में काम करना शुरू किया. बाद में मैंने सिनेमा करना शुरू किया, लेकिन उस समय सिनेमा वालों को एक या दो सीन ही मिलते थे. इसलिए मैंने टीवी शो भी किए और आखिरकार सिनेमा के माध्यम को एक्सप्लोर किया."
सोशल मीडिया और प्लेटफॉर्म पर लिखे जाने वाले लेखन के लिए ज़िम्मेदार होने पर चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा, "यदि आप सभी पत्रकार हैं, तो आप चौथा स्तंभ हैं.... आज मोबाइल का युग है. लोगों के पास दो मिनट के लिए भी स्थिरता नहीं है. एक मिनट के लिए भी नहीं.
उन्हें बस कुछ भी देखना है. और यह आदत--क्या यह हमारी सुविधा के लिए है, हमारे लिए है या उनके लिए है? इसलिए, समाचार को सनसनीखेज बनाने के लिए, कुछ भी लिखना अनावश्यक है...." उन्होंने चाणक्य, एक महल हो सपनों का, राऊ (मराठी), संगदिल, कभी सौतन कभी सहेली, मुरा रस्का माई ला (मराठी) सहित टीवी श्रृंखलाओं में अभिनय किया. उनके अन्य कार्यों में फिल्म हंगामा, उसके बाद हलचल, धूम, भागम भाग, चुप चुप के, भूल भुलैया और बिल्लू शामिल हैं. उन्होंने चक्रवर्ती अशोक सम्राट में चाणक्य की भूमिका निभाई. जोशी को फिर हेरा फेरी (2006) में कचरा सेठ की भूमिका निभाने के लिए लोकप्रिय रूप से जाना जाता है.