आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केरल के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री साजी चेरियन ने फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार देने के निर्णय की शनिवार को कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि संघ परिवार के राजनीतिक एजेंडे के तहत इस फिल्म को पुरस्कार दिया जा रहा है.
दिल्ली में 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा जूरी प्रमुख और फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर ने शुक्रवार को की.
इस वर्ष के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में ‘द केरल स्टोरी’ के लिए फिल्म निर्माता सुदीप्तो सेन को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला है। इस फिम को सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्रामी का भी पुरस्कार मिला है.
यह फिल्म इसलिए विवादों में रही थीं क्योंकि इसमें केरल की महिलाओं को जबरन धर्मांतरण कर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट में भर्ती किए जाने के रूप में दिखाया गया था.
चेरियन ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि सुदीप्तो सेन निर्देशित यह फिल्म लोगों को बांटती है, समाज में नफरत फैलाती है और केरल के लोगों का अपमान करती है.
मंत्री ने कहा कि ऐसी फिल्म को बिना किसी मापदंड पर खरा उतरे राष्ट्रीय पुरस्कार दे दिया गया.
उन्होंने कहा, “यह गर्व की बात है कि हमारे कलाकारों उर्वशी और विजयराघवन को पुरस्कार मिले हैं, लेकिन फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को मान्यता कैसे दी जा सकती है? मुझे समझ नहीं आ रहा कि किस मानदंड के आधार पर इस फिल्म को पुरस्कार के लिए चुना गया है,”
मंत्री ने दावा किया कि फिल्म का चयन “उसकी कलात्मक योग्यता के लिए नहीं, बल्कि लोगों के एक वर्ग के हितों को पूरा करने के लिए किया गया है,
उन्होंने आरोप लगाया, “संघ परिवार की ऐसी राजनीति देश में भय का माहौल पैदा कर रही है, सत्तारूढ़ दल हर मौके का इस्तेमाल नफरत को और गहरा करने के लिए कर रहा है। यह पुरस्कार भी उसी के तहत दिया जा रहा है,
केरल के वित्त मंत्री के एन. बालगोपाल ने भी जूरी के फैसले की आलोचना की और फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को राज्य के खिलाफ एक “झूठा अभियान” करार दिया,