पणजी
दिग्गज अभिनेता कमल हासन ने शुक्रवार को कहा कि स्वतंत्र सिनेमा उतना ही आज़ाद है, जितना भारत, लेकिन अफसोस कि गैर-व्यावसायिक फिल्मों को थिएटर में जगह न मिलना पिछले 40वर्षों से उनकी सबसे बड़ी शिकायत रही है।
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के रेड कार्पेट पर अपनी फिल्म “अमरन” की स्क्रीनिंग से पहले पहुंचे हासन ने कहा कि इंडी फिल्मों को मुख्यधारा के सिनेमा की सीमाओं में बाँधना गलत है।71वर्षीय अभिनेता ने कहा, “इंडिपेंडेंट सिनेमा बहुत स्वतंत्र होता है, बिल्कुल भारत की तरह… उसे व्यावसायिक सिनेमा की सीमाओं में मत बाँधिए।”
जब उनसे पूछा गया कि इंडी फिल्मों को थिएटर में जगह क्यों नहीं मिल पाती, तो हासन ने स्पष्ट कहा, “हाँ, यह मेरी करीब 40साल पुरानी शिकायत है।”रेड कार्पेट पर हासन के साथ “अमरन” के मुख्य कलाकार सिवकार्तिकेयन और साई पल्लवी भी मौजूद थे।
“अमरन” 56वें IFFI की ओपनिंग फिल्म है। यह 2014 में कश्मीर में एक काउंटर-टेरर ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए मेजर मुकुंद वर्धराजन के जीवन पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन राजकुमार पेरियासामी ने किया है, और यह पुस्तक “इंडियाज़ मोस्ट फियरलेस” के एक अध्याय से रूपांतरित है।