देश का बड़ा सुपरस्टार बनना चाहता हूँ: राघव जौयल ने ‘Ba..ds’ की कहानी बयान की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-10-2025
I want to become the biggest superstar of the country: Raghav Joil narrates the story of 'Ba..ds'
I want to become the biggest superstar of the country: Raghav Joil narrates the story of 'Ba..ds'

 

मुंबई

अपनी कला, जज़्बा और मेहनत से ज़्यादातर दूसरे कलाकारों से अलग पहचान बना चुके राघव जौयल ने आज खुलकर कहा है कि वह न केवल फिल्मों में, बल्कि पूरे देश में सबसे बड़े सुपरस्टार बनना चाहते हैं।

देहरादून से निकल कर मुंबई तक की यात्रा में, उन्होंने “ABCD 2”, “Kill” जैसी फिल्मों और हालिया वेब सीरीज़ “The Ba*ds of Bollywood”** में अपनी प्रतिभा से दर्शकों और आलोचकों दोनों को प्रभावित किया है। यह सीरीज़ शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान के निर्देशन में बनी है।

“मैं इस धरती पर सबसे बड़ा सुपरस्टार बनना चाहता हूँ। मैं इस देश का सबसे बड़ा सुपरस्टार बनूंगा। अगर उससे आगे पहुँचा, वो भगवान की कृपा होगी। मैं हर किसी से जूझ कर आया हूँ ताकि यहाँ पहुँच सकूँ — और मैं देहरादून से हूँ। जैसा मैं कहता हूँ, ‘अगर ओखली में सिर दे दिया तो मुसल से क्या डरना?’”

राघव ने बताया कि उनका पहला बड़ा मंच “Dance India Dance” (2011) था, जिससे उन्हें पहचान मिली। लेकिन उनकी प्रेरणा शाहरुख खान हैं। राघव कहते हैं:“वह सफलता की मूर्ति हैं — एक व्यक्ति जो शून्य से उठ कर दुनिया के सबसे बड़े सितारों में से एक बने। दिल्ली से निकला लड़का आज दुनिया का सबसे बड़ा सुपरस्टार है। मेरे लिए वे मेरा मेंटर हैं, मेरी प्रेरणा हैं।”

मनोरम “मन्नत” अनुभव और SRK से मुलाक़ात

मुंबई पहुँचने के शुरुआती दिनों में राघव अक्सर मनोरम “मन्नत” के बाहर खड़े हो जाते थे, उस साँझ का एहसास लेने के लिए।“हर हफ्ते मैं मन्नत देखने जाता था — वहाँ खड़ा होकर सोचता था कि कैसे एक इंसान छोटे शहर से निकला और आज इतना बड़ा नाम बन गया। जब पहली बार अंदर गया, वो अहसास अविश्वसनीय था।”

इस साल उन्होंने आर्यन के साथ मिल कर सीरीज़ पर काम किया और Parvaiz नामक पात्र निभाया, जो Aasmaan Singh (Lakshya) का करीबी दोस्त है — एक नया कलाकार जो बॉलीवुड की अचानाकियत और प्रतिस्पर्धा में अपनी जगह बनाना चाहता है।

ऑडिशन से स्टार तक का सफर

राघव ने बताया कि पहले वे ऑडिशन देते थे, लेकिन अब निर्देशक खुद उन्हें ऑफर करने लगते हैं।जब वे इस सीरीज़ के लिए ऑडिशन देने गए, तो आर्यन और शाहरुख ने उन्हें देखा और कहा कि वे “वह व्यक्ति हैं” — इसके बाद उन्हें और ऑडिशन नहीं देना पड़ा।

शुरुआत में Parvaiz का किरदार थोड़ी अधूराहित महसूस हुआ, लेकिन जब आर्यन उन्हें मन्नत बुलाए और भरोसा दिया, तो उन्होंने इस भूमिका को स्वीकार किया।“उन्होंने कहा — ‘भाई, मुझे तुम पर पूरा भरोसा है ... हम इसे साथ बनायेंगे।’ इससे मुझे आत्मविश्वास मिला और मैं इस किरदार से जुड़ा।”

उन्होंने बताया कि Parvaiz का किरदार आर्यन के एक मित्र के स्वभाव से प्रेरित था — उनके हाव-भाव, बोलने का अंदाज़ — सब उन्होंने अपने अभिनय में समाहित किया।

“कहो ना कहो” का वो यादगार दृश्य

सीरीज़ के तीसरे एपिसोड में एक ज़्बर्दस्त दृश्‍य था जब Parvaiz अपने चहेते स्टार Emraan Hashmi से मिलता है और “कहो ना कहो” गाने का हिंदी और अरबी में रेंडिशन गाता है।

राघव कहते हैं:“उस सीन को मैंने एक ही टेक में पूरा किया। मैं बिलकुल योजनाबद्ध नहीं था — जैसे ही Emraan सर सामने आए, जो होना था हुआ।”

यह दृश्य दर्शकों और सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। Emraan Hashmi ने तुरंत समझ लिया कि क्या हो रहा है और उस भावनात्मक पल को स्वीकार कर लिया।

SRK के साथ नई फिल्म का प्रस्ताव

राघव का कहना है कि इस सीरीज़ के चलते शाहरुख जी ने उन्हें एक बड़े फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका की पेशकश की है।“SRK जी मेरी यात्रा, मेरी कला और मेरा मूल्य समझते हैं। मैं अभी उस फिल्म की बहुत बातें नहीं कर सकता।”

आउटर कलाकार बनाम इनसाइडर — उनका नजरिया

अर्यन ने सीरीज़ में इस बहस को उठाया कि बॉलीवुड में इनसाइडर और आउटसाइडर का भेद है। राघव कहते हैं कि उन्होंने कभी इस चर्चा पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया।

“मैंने सिर्फ़ खुद पर मेहनत की। मैं यहाँ किसी नाम से नहीं आया, बल्कि काम से आया। अगर तुम मेहनती हो और अपनी कला जानते हो, तो जो तुम्हारा हक है, वो मिलेगा।”

भविष्य की योजनाएं और नया प्रोजेक्ट

राघव अगली बार तेलुगु फिल्म “The Paradise” में दिखाई देंगे, जिसमें वे नानी के साथ काम करेंगे।“यह एक बड़ा प्रोजेक्ट है, एक रोमांस और त्रासदी का मिश्रण। मैं ऐसे काम करना चाहता हूं जो मेरे लिए नए दरवाज़े खोलें।”

डांसर और होस्ट से लेकर बॉलीवुड और वेब सीरीज़ के कलाकार बनने तक, राघव का सफर आसान नहीं रहा — और अब उन्होंने माना है कि अभिनय एक गहरा शिल्प है।“जब मैं मुंबई आया, मैंने सोचा — ‘मैं भी यह कर सकता हूँ’। जैसे-जैसे आगे बढ़ा, महसूस हुआ कि अभिनय सिर्फ़ दिखावा नहीं, एक गहरी समझ और लगन मांगता है।”