अभिषेक बच्चन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार ऐश्वर्या और आराध्या को किया समर्पित

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 14-10-2025
Abhishek Bachchan dedicates Best Actor award to Aishwarya and Aaradhya
Abhishek Bachchan dedicates Best Actor award to Aishwarya and Aaradhya

 

नई दिल्ली

बॉलीवुड में जहाँ इन दिनों सेलिब्रिटी कपल्स के तलाक और रिश्तों में दरार की खबरें आम हो गई हैं, वहीं अभिनेता अभिषेक बच्चन ने एक भावुक और सशक्त इशारे के ज़रिए तमाम अफवाहों पर विराम लगा दिया है।

हाल ही में आयोजित फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में अभिषेक ने अपने करियर का पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार जीता। मंच पर पुरस्कार स्वीकार करते हुए उन्होंने यह अवॉर्ड अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन और बेटी आराध्या को समर्पित किया।

भावुक होते हुए अभिषेक ने कहा,"ऐश्वर्या और आराध्या, मुझे मेरे सपनों को पूरा करने की राह पर लाने के लिए आपका धन्यवाद। मुझे उम्मीद है कि इस पुरस्कार के माध्यम से आपको अपने त्याग का अर्थ मिलेगा। मैं आज आपकी वजह से यहाँ खड़ा हूँ।"

उन्होंने यह भी कहा कि इस पुरस्कार को जीतने का सपना वह पिछले 25 वर्षों से देख रहे थे, और आज जब यह सपना सच हुआ है, तो उनसे ज़्यादा खुश उनका परिवार है।"मैं इसे उन सभी निर्देशकों, निर्माताओं को समर्पित करता हूँ जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और पिछले 25 सालों से मुझे काम करने का मौका दिया। यह सफर आसान नहीं था, लेकिन मुझे लगता है कि मैं इस पुरस्कार का हकदार हूँ," अभिषेक ने मंच से कहा।

इस मौके पर उन्होंने अपने पिता अमिताभ बच्चन का भी विशेष रूप से आभार जताया, जिनकी प्रेरणा और समर्थन ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की ताक़त दी।

‘आई वांट टू टॉक’ में दमदार अभिनय

अभिषेक को यह पुरस्कार निर्देशक शूजित सरकार की संवेदनशील फिल्म 'आई वांट टू टॉक' के लिए मिला, जो एक गंभीर रूप से बीमार पिता और उसकी बेटी के टूटे रिश्ते को फिर से जोड़ने की कहानी है। फिल्म में अभिषेक ने एक ऐसे पिता की भूमिका निभाई है, जो समय के साथ अपनी बेटी से दूर हो गया है और अब अपने आख़िरी दिनों में उस रिश्ते को फिर से जीना चाहता है।

उनके इस गहन और मार्मिक अभिनय ने दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों का भी दिल जीत लिया।इस फिल्म के ज़रिए उन्होंने न केवल अभिनय की गहराई को छुआ, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि ‘जूनियर बच्चन’ अब खुद के नाम और काम के बल पर अपनी अलग पहचान बना चुके हैं।

पुरस्कार की इस ऐतिहासिक घड़ी में उनके शब्दों और समर्पण ने यह भी साबित कर दिया कि परिवार उनके लिए सबसे ऊपर है—चाहे वह मंच पर जीत का जश्न हो या जीवन की चुनौतियाँ।