Happy Birthday खिलाड़ी कुमार : संघर्ष, मनोरंजन और कुछ अनसुने किस्से

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 09-09-2025
Akshay Kumar: Struggle, entertainment and some unheard stories
Akshay Kumar: Struggle, entertainment and some unheard stories

 

अर्सला खान/नई दिल्ली

नवाबों सा नाम नहीं, साधारण परिवार में जन्मा एक लड़का अक्षय कुमार, जिनका असली नाम राजीव हरि ओम भाटिया है, 9 सितंबर 1967 को अमृतसर (या दिल्ली की चांदनी चौक) में जन्मे थे. उनके पिता हरि ओम भाटिया आर्मी ऑफिसर थे और मां अरुणा भाटिया गृहिणी बचपन में ही उनकी फैमिली दिल्ली से मुंबई आ गई, जहां से उनका संघर्ष शुरु हुआ.
एक कलाकार की शुरुआत

छोटी उम्र से ही अक्षय को खेलों और मार्शल आर्ट्स का शौक था. उन्होंने थाईलैंड में टैकोन्डो, कराटे और मुए थाई की ट्रेनिंग ली, जहां वह वेटर और बाद में शेफ़ की नौकरी भी करते थे, ताकि अपनी पढ़ाई और ट्रेनिंग का खर्च पूरा कर सकें बाद में, उन्होंने कोलकाता और ढाका में भी नौकरी की—एक रिपोर्ट में कहा गया कि उन्होंने कोलकाता में ट्रैवल एजेंसी में पेऑन का काम किया और ढाका में होटल स्टाफ के तौर पर काम किया. भारत लौटने के बाद, उन्होंने मुंबई में मार्शल आर्ट्स पढ़ाए. एक फोटोशूट ने उनकी किस्मत बदल दी—एक फोटोग्राफर ने उन्हें मॉडलिंग में जाने की सलाह दी और यहीं से आरंभ हुआ. उनका बॉलीवुड सफर. साथ ही, उन्होंने फिल्मों में लाइटमैन जैसे छोटे पद पर काम भी किया। एक फोटोग्राफर के साथ काम करते हुए उन्होंने यह काम संभाला और धीरे-धीरे वे खुद मॉडल बन गए.
 
 
 
बीड़ा उठाया, बॉलीवुड में किया कमाल

1991 में Saugandh फिल्म से उनका लीड रोल शुरू हुआ और तब से वे बॉलीवुड के सबसे मेहनती कलाकारों में से एक बन गए. उन्होंने 'खिलाड़ी' सीरिज़ से अपनी पहचान बनाई. Khiladi, Sabse Bada Khiladi, Khiladiyon Ka Khiladi जैसी फिल्मों ने उन्हें तमाम दर्शकों के दिलों में बिठा दिया. एक्शन के अलावा उन्होंने हारर फेरी, गरम मसाला, नमस्ते इंग्लैंड, भूलभुलैया, OMG: Oh My God! जैसी कॉमेडी फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी.
 
 
 
अनसुने किस्से जो शायद कम लोग जानते हैं

नाम बदलने का मज़ेदार कारण अक्षय ने बताया कि उनका असली नाम राजीव भाटिया था और उन्होंने बॉलीवुड में नाम इसलिए बदला क्योंकि उन्होंने अपनी पहली फिल्म Aaj में किरदार को ‘अक्षय’ नाम से देखा और तुरंत यह नाम उन्हें पसंद आ गया. अपने पिता की प्रेरणा – एक वायरल वीडियो में अक्षय खुद बताते हैं कि बचपन में पढ़ाई में कमजोर रैंकिंग आने पर उनके पिता ने पूछा, “बेटे, तुम क्या करना चाहते हो?” तभी से उन्होंने खेलों पर ध्यान दिया और छोटे-छोटे काम करके आज यह मुकाम हासिल किया.
 
 
 
सम्मान और बहुमुखी प्रतिभा की कहानी

अक्षय कुमार ने अपने करियर में 100 से अधिक फिल्में दी हैं, और उन्हें पद्म श्री (2009), कई फिल्मफेयर और दो नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स प्राप्त हुए हैं. फिटनेस और अनुशासन के लिए उन्हें ‘खिलाड़ी कुमार’ के नाम से भी जाना जाता है. वह मॉडलिंग, प्रोडक्शन और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं.
 
 
 
अक्षय कुमार का सफर राजीव भाटिया से Akshay Kumar बनने तक, संघर्ष, जोखिम, मेहनत और दृढ़ता की कहानी है. शेफ़, वेटर, मार्शल आर्ट्स टीचर, लाइटमैन. ये सब पद उन्होंने खुद संभाले और फिर अभिनय के मैदान में अपनी अलग पहचान बनाई. उनके संघर्ष की प्रेरणा और कई अनसुनी कहानियाँ आज सिखाती हैं. यदि दिशा सही हो और मेहनत निरंतर हो, तो सफलता जरूर मिलती है.