उर्दू विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन, 1 से 3 जनवरी तक होगा महोत्सव

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 31-12-2025
The C2F2 and KidzCINEMA International Film Festival will be held at Urdu University from January 1st to 3rd.
The C2F2 and KidzCINEMA International Film Festival will be held at Urdu University from January 1st to 3rd.

 

हैदराबाद |

मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) में सिनेमा और संस्कृति के संगम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कल्चर सिनेमा फिल्म फेस्टिवल (C2F2) और KidzCINEMA अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के विशेष संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 1 से 3 जनवरी 2026 तक विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होगा।

इस फिल्म फेस्टिवल के आयोजन में विश्वविद्यालय का इंस्ट्रक्शनल मीडिया सेंटर (IMC) भी C2F2 और KidzCINEMA के साथ साझेदारी कर रहा है। आईएमसी के निदेशक रिज़वान अहमद के अनुसार, उद्घाटन समारोह 1 जनवरी को सुबह 11 बजे आईएमसी प्रीव्यू थिएटर, MANUU कैंपस, हैदराबाद में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर परवीन नागडा, निदेशक C2F2 और KidzCINEMA, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे, जबकि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. इश्तियाक अहमद भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

फिल्म महोत्सव की शुरुआत अंगोला की फिल्म “द एडवेंचर्स ऑफ प्रिंसेस मिराबेल्स” के प्रदर्शन से होगी। फेस्टिवल के संयोजक और निर्माता मोहम्मद मुजाहिद अली ने बताया कि इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आयोजन के दौरान 10 से अधिक देशों के बच्चों और युवाओं के लिए बनी चयनित वैश्विक फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इन फिल्मों के ज़रिए छात्रों और सिनेमा प्रेमियों को एक समृद्ध सांस्कृतिक और शैक्षणिक अनुभव प्राप्त होगा।

फिल्म फेस्टिवल में अंगोला, बेल्जियम, ब्राज़ील, चीन, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, नाइजीरिया, पेरू, फिलीपींस, पुर्तगाल, रूस और स्पेन की फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।

आयोजकों के अनुसार, यह फेस्टिवल छात्रों, शिक्षकों और फिल्म प्रेमियों के लिए पूरी तरह निःशुल्क रहेगा। हालांकि, प्रवेश के लिए इच्छुक दर्शकों को अपना फोटो पहचान पत्र (ID कार्ड) साथ लाना अनिवार्य होगा।

यह आयोजन न केवल बच्चों और युवाओं को विश्व सिनेमा से जोड़ने की पहल है, बल्कि उर्दू विश्वविद्यालय में रचनात्मकता, सांस्कृतिक संवाद और वैश्विक समझ को भी नई दिशा देने का प्रयास माना जा रहा है।