उर्दू जुबान के साथ कानून की पढ़ाई होः ऐनुल हसन

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 26-07-2021
ऐनुल हसन
ऐनुल हसन

 

नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सैयद ऐनुल हसन को मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी का नया वाइस चांसलर बनाया गया है. सैयद ऐनुल हसन नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में फारसी और मध्य एशियाई अध्ययन स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज के प्रोफेसर हैं.

उनके पास बत्तीस वर्षों से अधिक समय का शिक्षण और अनुसंधान का अनुभव है, इसके अलावा ऐनुल हसन ने कश्मीर विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और कॉटन कॉलेज स्टेट यूनिवर्सिटी के लिए पाठ्यक्रम तैयार किए हैं.

उन्होंने जिक्र किया वह सबसे पहले यूनिवर्सिटी जाकर टीचर्स, स्टूडेंट्स और नॉन टीचिंग स्टाफ से बात करेंगे. इससे एक कॉर्डिनेशन बनेगा और इससे महत्वपूर्ण मुद्दों पर पहले काम किया जा सकेगा.

उनके जिक्र किया कि, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के बहुत सारे कैम्पस हैं. उन सभी को साथ लेकर काम किया जाए. जानकारी के अनुसार मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी में लॉ के कोर्सेस नहीं है.

उन्होंने कहा कि, लॉ एक साथ सब्जेक्ट है कि अगर उर्दू इसके साथ चलें तो इसमें बहुत गुंजाइश है. हमारी कोशिश रहेगी कि उर्दू जुबान के साथ साथ लॉ को समझा जाये. ताकि जब स्टूडेंट्स डिग्री हासिल करे वो महत्व रखती हो.

इसके अलावा उन्होंने कई पहलुओं पर बात रखी, जिसमें उन्होंने कहा कि, किसी भी इंस्टीट्यूशन में दो चीजें बहुत महत्वपूर्ण होती हैं पहला किस तरह पढ़ाई हो रही है और दूसरा कैसे स्टूडेंट्स उसको पढ़ रहे हैं. इन दोनों का जो रिश्ता है इसको बनाना सबसे महत्वपूर्ण काम है.

उन्होंने आगे कहा कि, इस दौर में यूनिवर्सिटी में एक अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर हो और जो स्टूडेंट्स रिमोट एरिया में रह रहे हैं. वहां तक कैसे पहुंचा जा सकता है? इसके साथ साथ जो स्टूडेंट्स जो परीक्षा में बैठ रहे हैं उनके रिजल्ट का डिक्लेरेशन भी वक्त से होना चाहिए.