सेराज अनवर /पटना
अपने वीडियो में दुनिया जहां का ज्ञान देने और राष्ट्रवाद की घुट्टी पिलाने वाले ‘खान सर’ पर मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि बिहार में रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (एनटीपीसी) की परीक्षा में कथित पर अनियमितता को लेकर जो हंगा बरपा है.
उसके पीछे खान सर से मशहूर कोचिंत चलाने वाले इस शख्स का हाथ है. पटना के मशहूर शिक्षक खान सर के अलावा अन्य शिक्षण संस्थानों पर भी इसी तरह का आरोप है जिसे लेकर मामला दर्ज किया गया है.
बता दें कि पटना में चैथे दिन भी भर्ती में कथित गड़बड़ी को लेकर छात्रों ने कई जगह पर हंगामा मचा रखा है.रिपोर्ट के मुताबिक, खान सर पर छात्रों को विरोध करने और हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है.
बिहार में, छात्र समूह डी में आरआरबी-एनटीपीसी परिणाम और सीबीटी -2 परीक्षा के बीच अंतर का विरोध कर रहे हैं.पटना के राजेंद्र नगर रेलवे टर्मिनल पर सोमवार को हजारों परीक्षार्थियों ने ट्रेनों को पांच घंटे से अधिक समय तक रोका और कथित तौर पर रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
पटना के पत्रकार नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. खान सर के अलावा कुछ अन्य कोचिंग संस्थानों और 400 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. उन पर मंगलवार शाम को राजेंद्र नगर टर्मिनल और भिखाना पहाड़ियों में सरकारी संपत्ति में तोड़फोड़ करने और हिंसा भड़काने का आरोप है.
प्राथमिकी में कहा गया है कि पुलिस को मिले बयानों और वीडियो क्लिप ने साबित कर दिया कि नाराज छात्रों के साथ कोचिंग संस्थान के मालिकों ने पटना में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए बड़े पैमाने पर हिंसा करने की साजिश रची थी.
खान सर अपनी विविध शिक्षण शैली के लिए जाने जाते हैं. यह अच्छे यूट्यूबर हैं और इनके केवल यूट्युब सब्सक्राइबरों की संख्या 14.4 मिलियन है. वह खान जीएस रिसर्च सेंटर के नाम से कोचिंग चलाते हैं.
छात्रों को उकसाने के आरोपों पर खान सर ने दिया जवाब
इससे पहले खान सर ने छात्रों को उकसाने के आरोपों पर कहा कि जिस दिन वह रेलवे स्टेशन आएंगे, छात्र के साथ ट्रेन में बैठे लोग भी उनके साथ विरोध करना शुरू कर देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हम आंदोलन को भड़काने नहीं बल्कि इसे भड़काने से रोक रहे हैं.‘‘
राजनीति करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. रेलवे में कोई राजनीति नहीं है. रेलवे में कोई राजनीति नहीं है. हम सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि आरआरबी के खिलाफ हैं.
आरआरबी ने मांग मानी तो पांच मिनट में खत्म हो जाएगा विरोध, हम तो लड़कों को ही समझा रहे हैं. हम ही हैं जिन्होंने आंदोलन को हिंसक होने से रोका है. नहीं तो 20 लाख छात्रों को कौन रोकेगा प्रशासन ?
बता दें कि इस मामले में रेल मंत्री ने एक प्रेस वार्ता कर भर्ती में अनियमितता को दुरूस्त करने के लिए एक कमेटी बनाई है. कमेटी जांच करेगी कि क्या वास्तव में अनियमितता हुई या नहीं. रेल मंत्री ने कहा कि उम्मीद से कहीं अधिक आवेदन आने से कुछ गलतफहमियां हुई हैं.