शिमला
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (IIAS), राष्ट्रपति निवास, शिमला में मंगलवार को एक गरिमामय समारोह आयोजित किया गया, जिसमें नवनियुक्त निदेशक प्रोफेसर हिमांशु कुमार चतुर्वेदी का औपचारिक स्वागत किया गया और पूर्व निदेशक (अतिरिक्त प्रभार) प्रोफेसर राघवेंद्र पी. तिवारी को भावभीनी विदाई दी गई।
संस्थान के सेमिनार हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में संस्थान के सदस्यगण, शोधार्थी और कर्मचारी उपस्थित थे, जिन्होंने दोनों विद्वान शिक्षाविदों के योगदान को कृतज्ञता और सम्मानपूर्वक याद किया।
इस अवसर की अध्यक्षता संस्थान की अध्यक्ष प्रोफेसर शशिप्रभा कुमार ने की, जबकि संस्थान की गवर्निंग बॉडी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर शैलेन्द्र राज मेहता ने कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
प्रोफेसर शशिप्रभा कुमार ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में प्रो. चतुर्वेदी का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में संस्थान नवाचार, अनुसंधान और अकादमिक उत्कृष्टता के नए मानदंड स्थापित करेगा। उन्होंने प्रो. राघवेंद्र तिवारी के कार्यकाल की सराहना करते हुए उसे “सफल और स्थिर अकादमिक मार्गदर्शन का समय” बताया।
प्रोफेसर राघवेंद्र पी. तिवारी, जो वर्तमान में केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा के कुलपति भी हैं, ने वर्चुअल माध्यम से अपने विचार साझा करते हुए कहा कि IIAS सिर्फ एक शोध संस्थान नहीं, बल्कि भारतीय चिंतन और दर्शन की जीवंत अभिव्यक्ति है। उन्होंने संस्थान के अधिकारियों, कर्मचारियों और शोधार्थियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
प्रोफेसर हिमांशु कुमार चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा,"भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान वह स्थान है जहाँ चिंतन और रचनात्मकता की परंपरा साथ-साथ विकसित होती है। यह संस्थान भारत की बौद्धिक चेतना का प्रतीक है और इसे नई ऊँचाइयों तक ले जाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। आने वाले समय में यह संस्थान अपने अनुसंधान परियोजनाओं, प्रकाशनों और संवादों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक विमर्श में निर्णायक भूमिका निभाएगा।"
प्रो. शैलेन्द्र राज मेहता ने कहा कि दोनों विद्वान संस्थान के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रो. तिवारी के मार्गदर्शन में संस्थान ने अनुशासन और समर्पण के मूल्यों को बनाए रखा, जबकि अब प्रो. चतुर्वेदी के नेतृत्व में संस्थान नई दृष्टि और विचारों के साथ आगे बढ़ेगा।
समारोह का समापन करते हुए प्रोफेसर शशिप्रभा कुमार ने कहा कि IIAS स्वतंत्र भारत की बौद्धिक परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है, जहाँ संवाद, अध्ययन और आलोचनात्मक चिंतन एक साथ चलते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि संस्थान ज्ञान और संस्कृति के बीच सामंजस्य का केन्द्र बना रहेगा।
धन्यवाद ज्ञापन श्री मेहर चंद नेगी (सचिव, IIAS) द्वारा प्रस्तुत किया गया, और कार्यक्रम का संचालन अखिलेश पाठक (जनसंपर्क अधिकारी) ने किया। पूरा समारोह सौहार्दपूर्ण और गरिमापूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ।