आवाज द वाॅयस / हैदराबाद
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. इश्तियाक अहमद के अनुसार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 17 जून को जारी एक पत्र के माध्यम से वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से लॉ कोर्स शुरू करने की मंजूरी दे दी है.
कुलपति प्रोफेसर सैयद ऐनुल हसन ने इस अवसर पर अपनी खुशी व्यक्त की. कहा कि यह मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. यहाँ यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण होगा कि सांसद विवेक ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थायी समिति ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत देश की स्थानीय भाषाओं में कानून की शिक्षा शुरू करने की वकालत और सिफारिश की थी.
उच्च शिक्षा पर संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों के आलोक में, उर्दू विश्वविद्यालय अब पाँच वर्षीय लॉ डिग्री BALLB (ऑनर्स), तीन वर्षीय LLB और एक वर्षीय LLM प्लस PhD (लॉ) प्रदान कर सकता है. है. पाठ्यक्रम उर्दू माध्यम से पढ़ाया जाएगा.
एमएएनयूयू के रजिस्ट्रार के अनुसार अब उर्दू प्रेमियों का यह कर्तव्य है कि वे देशभर के छात्रों में इस संबंध में जागरूकता पैदा करें, ताकि छात्र उर्दू माध्यम से भी एलएलबी और एलएलएम की शिक्षा प्राप्त कर सकें.
उन्होंने कहा कि एमएएनयूयू ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया की सभी शर्तों को पूरा करने के बाद एलएलबी और एलएलएम पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति प्राप्त की है. स्कूल ऑफ लॉ के डीन प्रोफेसर तबरेज अहमद ने कहा कि बीएएलएलबी (ऑनर्स), एलएलबी और एलएलएम पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षा पहले ही आयोजित की जा चुकी है. प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश दिए गए.