आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
शैक्षणिक उत्कृष्टता और प्रशासनिक दक्षता के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज करते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने अपने अंतिम सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम तय समय से पहले जारी कर दिए हैं. यह पहल विश्वविद्यालय की पारदर्शी, समयबद्ध और डिजिटल रूप से दक्ष परीक्षा प्रणाली की दिशा में उठाया गया एक मील का पत्थर है.
विशेष रूप से, 2024-25 सत्र के अंतर्गत द्वितीय वर्ष के बी.एड. विशेष शिक्षा (दृष्टिबाधित) और बी.एड. विशेष शिक्षा (विशिष्ट अधिगम अक्षमता) पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम इस सप्ताह की शुरुआत में घोषित कर दिए गए. यह सूचना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मजहर आसिफ और रजिस्ट्रार प्रोफेसर मोहम्मद महताब आलम रिजवी द्वारा साझा की गई.
डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक और कदम
इस बार परिणामों की घोषणा केवल शीघ्रता तक सीमित नहीं रही, इसके साथ विश्वविद्यालय ने तकनीकी नवाचार का परिचय भी दिया. छात्रों को अब अपनी ई-मार्कशीट सीधे जामिया छात्र पोर्टल के माध्यम से प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. यह कदम न केवल परिणाम वितरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाता है, डिजिटल दक्षता के क्षेत्र में जामिया की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है.
नेतृत्व और समर्पण का परिणाम
परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर पवन कुमार शर्मा ने इस सफलता का श्रेय कुलपति प्रो. आसिफ और रजिस्ट्रार प्रो. रिजवी के दूरदर्शी नेतृत्व और सतत समर्थन को दिया. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया को सफल बनाने में परीक्षा उप-नियंत्रक डॉ. एहतेशामुल हक, सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुनील, और परीक्षा नियंत्रक कार्यालय की पूरी टीम का अतुलनीय योगदान रहा.
प्रो. शर्मा ने कहा“इन परिणामों की समय पर घोषणा हमारे कर्मचारियों की प्रतिबद्धता, दक्षता और टीम वर्क का स्पष्ट प्रमाण है. हम पारदर्शिता, शैक्षणिक अनुशासन और श्रेष्ठ प्रशासनिक मानकों के प्रति अपने वादे पर अटल हैं.”
परिणामों की शीघ्र घोषणा बनी नई परंपरा
जामिया मिल्लिया इस्लामिया लंबे समय से शैक्षणिक अनुशासन, डिजिटल एकीकरण और छात्र हित में पारदर्शी नीतियों के लिए जाना जाता रहा है. शीघ्र परिणाम घोषणा की यह परंपरा न केवल छात्रों के शैक्षणिक और करियर से जुड़े निर्णयों को समय रहते लेने में सहायक है, बल्कि विश्वविद्यालय की नीतिगत दक्षता को भी सिद्ध करती है.
छात्रों और अभिभावकों के बीच इस त्वरित प्रक्रिया की व्यापक सराहना देखने को मिली है. कई छात्रों ने इसे परीक्षा प्रणाली में “नई पारदर्शिता और भरोसे की बहाली” करार दिया है.
यह पहल जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शैक्षणिक परिदृश्य को और अधिक सशक्त, डिजिटल रूप से समृद्ध और प्रशासनिक रूप से प्रभावी बनाने की दिशा में एक और निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है.