लखनऊ की प्रतिष्ठित लाइब्रेरी अब पूरी तरह से डिजिटल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 19-05-2023
लखनऊ की प्रतिष्ठित लाइब्रेरी अब पूरी तरह से डिजिटल
लखनऊ की प्रतिष्ठित लाइब्रेरी अब पूरी तरह से डिजिटल

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 

लखनऊ की प्रतिष्ठित अमीर-उद-दौला पब्लिक लाइब्रेरी अब 24 हजार दुर्लभ और प्राचीन पुस्तकों और पांडुलिपियों के आठ लाख पृष्ठों के साथ 100 प्रतिशत डिजिटाइज हो गई है. पुस्तकालय में 1.6 लाख से अधिक पुस्तकें हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लाइब्रेरी के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया 2020 में शुरू की गई थी. अमीर-उद-दौला पब्लिक लाइब्रेरी के हेड लाइब्रेरियन शशि कला ने कहा, 'एक निजी कंपनी इंफॉर्मेटिक्स पब्लिशिंग को यह काम दिया गया था, जिसे दो चरणों में पूरा किया गया.'

सूचना विज्ञान प्रकाशन के सुविधा प्रबंधक राज आर्यन ने कहा, कुछ दुर्लभ पांडुलिपियां, जो 300-400 साल पुरानी हैं, का भी डिजिटलीकरण किया गया है और यहां तक कि 300 डीपीआई (डॉट्स प्रति इंच) गुणवत्ता के साथ पठनीयता के लिए सुधार किया गया है.

उन्होंने कहा, पुस्तकालय की सदस्यता वाला कोई भी छात्र पुस्तकालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन पहुंच सकता है और इन सभी पुस्तकों का लाभ ले सकता है. लगभग 1,000 ई-समाचार पत्रों और पत्रिकाओं तक भी यहां पहुंचा जा सकता है.

पुस्तकालय में डिजिटलीकरण के साथ-साथ एक स्वयं सहायता कियोस्क भी स्थापित किया गया है.

इस कियोस्क पर कोई सदस्य दूसरों की सहायता के बिना एक कार्ड पंच करके पुस्तक जारी कर सकता है. गेट के निकास द्वार पर एक सेंसर मशीन लगाई गई है, और कोई भी किताब बिना जारी किए परिसर से बाहर ले जाने पर सायरन बजेगा.