टोक्यो, जापान
भारत की शैक्षणिक कूटनीति को सशक्त करते हुए ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेपीयू) ने जापान की 8 प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ नए समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही जेपीयू के जापान में शैक्षणिक साझेदारों की कुल संख्या अब 23 हो गई है। यह उपलब्धि जून 2025 में जेपीयू प्रतिनिधिमंडल की जापान यात्रा के दौरान हासिल हुई, जिसमें टोक्यो, क्योटो, ओसाका, फुकुशिमा, यामानाशी सहित कई प्रमुख शहरों में शैक्षणिक संवाद और साझेदारियों पर चर्चा की गई।
इन नए समझौता ज्ञापनों पर निम्नलिखित संस्थानों के साथ हस्ताक्षर किए गए:
एशिया यूनिवर्सिटी, टोक्यो
चुओ यूनिवर्सिटी, टोक्यो
डोशिशा यूनिवर्सिटी, क्योटो
हिगाशी निप्पोन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, इवाकी, फुकुशिमा
कंसाई यूनिवर्सिटी, ओसाका
मुसाशी यूनिवर्सिटी, टोक्यो
ओसाका गाकुइन यूनिवर्सिटी, ओसाका
टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज़, टोक्यो
ये विश्वविद्यालय पहले से ही जेपीयू के साझेदार रहे प्रतिष्ठानों—जैसे यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो, हीरोशिमा यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, और इंटरनेशनल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी—की श्रृंखला में अब और भी मजबूती जोड़ते हैं।
जेपीयू की यह रणनीतिक और निरंतर जापान-भागीदारी, केवल औपचारिक समझौतों से परे जाकर गहन, बहुआयामी और दीर्घकालिक शैक्षणिक सहयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इन साझेदारियों के अंतर्गत छात्र विनिमय कार्यक्रम, संयुक्त शोध, अतिथि फैकल्टी आदान-प्रदान और सहयोगी शैक्षणिक सम्मेलन शामिल हैं।
जेपीयू के इस ऐतिहासिक कदम से यह स्पष्ट है कि विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर ज्ञान, संवाद और नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। भारत और जापान के बीच रणनीतिक, व्यापारिक, रक्षा और तकनीकी सहयोग को देखते हुए, शिक्षा क्षेत्र में साझेदारी भविष्य की नींव रखती है।
जेपीयू के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, “यह भारत-जापान शैक्षणिक संबंधों के लिए एक निर्णायक क्षण है। 23 जापानी विश्वविद्यालयों के साथ हमारी साझेदारी केवल संख्यात्मक वृद्धि नहीं, बल्कि शिक्षा में नवाचार, सामाजिक प्रभाव और वैश्विक संवाद के लिए एक सहयोगात्मक ढांचा है। उच्च शिक्षा को देशों के बीच सेतु का कार्य करना चाहिए और हमारी जापान साझेदारी इसी दृष्टिकोण का प्रमाण है।”
जेपीयू के अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वैश्विक पहलों के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अखिल भारद्वाज ने कहा, “हमारी जापान के साथ बढ़ती साझेदारी आपसी विश्वास, सम्मान और साझा शैक्षणिक मूल्यों पर आधारित है। ये सहयोग छात्र और शिक्षक आदान-प्रदान, संयुक्त शोध और सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देंगे और दोनों देशों को करीब लाएंगे।”
इस अवसर पर जापान में भारत के राजदूत महामहिम सिबी जॉर्ज ने टोक्यो स्थित इंडिया हाउस में जेपीयू प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में एक विशेष रात्रिभोज का आयोजन किया। इसमें कई प्रमुख जापानी विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वरिष्ठ शैक्षणिक प्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने कहा, “भारत और जापान का संबंध बहुआयामी और स्थायी रहा है, लेकिन शिक्षा इस संबंध का भविष्य तय करेगी। ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी और उसके कुलपति के नेतृत्व की मैं सराहना करता हूं जिन्होंने भारत-जापान के बीच सबसे व्यापक और प्रभावशाली शैक्षणिक सहयोग स्थापित किया है।”
जेपीयू का यह पहल भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीयकरण और भारत की वैश्विक भागीदारी को शिक्षा, शोध और छात्र विकास के माध्यम से सशक्त करने के बड़े लक्ष्य का हिस्सा है।