आवाज द वाॅयस / गांदरबल
मौजूदा भीषण गर्मी की लहर के मद्देनजर, छात्रों और स्टाफ को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार करने हेतु सरकारी डिग्री कॉलेज (जीडीसी) गांदरबल में अग्नि एवं आपातकालीन सेवा विभाग गांदरबल द्वारा डिजास्टर मैनेजमेंट क्लब (DMC) और एनसीसी यूनिट के सहयोग से एक व्यापक अग्नि सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम एवं मॉक ड्रिल का आयोजन गुरुवार को किया गया.
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को आग लगने की स्थिति में जरूरी सुरक्षा उपायों और त्वरित प्रतिक्रिया प्रक्रियाओं की जानकारी देना था.
कार्यक्रम की शुरुआत अग्नि एवं आपातकालीन सेवा विभाग के विशेषज्ञों — मोहम्मद मक़बूल वागे, मुख़्तार अहमद राथर, मंज़ूर अहमद पर्रे और ज़हूर अहमद खान — द्वारा एक जागरूकता सत्र से हुई, जिसमें उन्होंने फायर एक्सटिंग्विशर के सही उपयोग, सुरक्षित निकासी प्रक्रिया .
ऐसी आपातकालीन स्थितियों में अपनाए जाने वाले "करें" और "न करें" पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया. उन्होंने भाग लेने वालों को आग की घटनाओं से बचाव और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए आवश्यक सावधानियों के बारे में भी विस्तार से बताया.
इसके बाद कॉलेज परिसर में एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षकीय कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया. यह मॉक ड्रिल एक वास्तविक अग्नि आपातकालीन स्थिति का अनुकरण थी, जिसने प्रतिभागियों को समय पर प्रतिक्रिया, शांत दिमाग और समन्वय के साथ कार्रवाई करने की व्यावहारिक जानकारी दी.
यह कार्यक्रम कॉलेज की प्राचार्या प्रो. फौज़िया फातिमा के संरक्षण में आयोजित किया गया. आयोजन का समन्वय प्रो. मंसूर अहमद लोन (समन्वयक, डिजास्टर मैनेजमेंट क्लब एवं एनसीसी अधिकारी) ने किया। कार्यक्रम की रिपोर्टिंग डॉ. तौसीफ अहमद पर्रे द्वारा की गई.
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, फैकल्टी सदस्यों और कर्मचारियों ने भाग लिया और आग से बचाव, निकासी प्रक्रिया और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की.
प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल जानकारीवर्धक था बल्कि व्यावहारिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत उपयोगी रहा.
इस अवसर पर प्राचार्या प्रो. फौज़िया फातिमा ने फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज विभाग के विशेषज्ञों का आभार प्रकट किया और भविष्य में भी इस प्रकार के सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन का आश्वासन दिया.
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से कॉलेज परिसर को अधिक सुरक्षित और सजग बनाया जा सकता है.कार्यक्रम की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि जीडीसी गांदरबल एक सुरक्षित और आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार शैक्षणिक वातावरण बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है.