नई दिल्ली
जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपने 105वें स्थापना दिवस के अवसर पर छह दिवसीय समारोह आयोजित किया, जिसमें शिक्षा, नैतिकता और वैश्विक संवाद पर विशेष चर्चा हुई। वी श्रीनिवास, आईएएस ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को प्राचीन ज्ञान और समकालीन व्यावहारिकता के मिश्रण के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि जामिया नई पीढ़ी के छात्रों के जीवन को उज्जवल बनाने का कार्य लगातार कर रहा है।
कार्यक्रम का मुख्य विषय था “सांस्कृतिक जुड़ाव, कूटनीतिक संवाद: 21वीं सदी में भारतीय दृष्टिकोण।” प्रो. मुहम्मद मेहताब आलम रिज़वी ने कहा कि भारत की कूटनीति केवल शक्ति पर आधारित नहीं रही, बल्कि इसमें नैतिकता, सभ्यता और संवाद की अहम भूमिका रही है। उन्होंने यह भी बताया कि योग और आयुर्वेद जैसे भारतीय तत्व दुनिया को जोड़ने में सहायक रहे हैं। प्रो. रिज़वी ने शांति और सह-अस्तित्व के लिए मृदु शक्ति और सहानुभूति के महत्व पर ज़ोर दिया।
फैज़ किदवई ने जामिया की विरासत पर प्रकाश डालते हुए इसे भारत की आत्मा की अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ दिमाग़ को नहीं, बल्कि दिल को भी प्रबुद्ध करती है। उनका कहना था कि भारतीय दर्शन परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाता है और दुनिया को दया, ज्ञान और सह-अस्तित्व की सीख देता है।
राजदूत वीरेंद्र गुप्ता ने भारत की सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत का सांस्कृतिक ताना-बाना, प्रवासी भारतीयों और विदेशी संस्कृतियों के संपर्क से एक साझा वैश्विक विरासत बनाता है। प्रो. मज़हर आसिफ ने कहा कि भारत सदियों से बहुलवाद और सांस्कृतिक विविधता का केंद्र रहा है और उसकी सभ्यता निस्वार्थ जीवन और सभी के कल्याण की शिक्षा देती है।
पूर्व छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और विश्वविद्यालय के प्रति जुड़े रहने की प्रेरणा दी। न्यायमूर्ति बरवीर सिंह और डॉ. हनीफ कुरैशी जैसे पूर्व छात्रों ने जामिया के साथ अपने लंबे समय के संबंध और विश्वविद्यालय द्वारा उनके जीवन और करियर पर पड़े प्रभाव को याद किया। इस अवसर पर शिक्षा, संस्कृति और प्रशिक्षण के महत्व को उजागर करते हुए विश्वविद्यालय ने एक चित्रकला कैलेंडर का विमोचन भी किया।
जामिया मिलिया इस्लामिया की यह स्थापना दिवस समारोह न केवल इसकी समृद्ध विरासत को दर्शाता है, बल्कि यह साबित करता है कि शिक्षा, सभ्यता और सांस्कृतिक जुड़ाव के माध्यम से नई पीढ़ी का भविष्य उज्जवल बनाया जा सकता है।