दिल्ली सरकार ने सीएम श्री स्कूल प्रवेश परीक्षा का कार्यक्रम बदला, अब 13 सितंबर को

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 05-09-2025
Delhi government changed the schedule of CM Shri School entrance exam, now the exam will be held on September 13
Delhi government changed the schedule of CM Shri School entrance exam, now the exam will be held on September 13

 

नई दिल्ली

दिल्ली सरकार ने अपने नए सीएम श्री स्कूलों में प्रवेश के लिए निर्धारित कार्यक्रम में बदलाव किया है। प्रवेश परीक्षा और उससे जुड़े अन्य चरणों को लगभग दो हफ़्ते आगे बढ़ा दिया गया है।

शिक्षा निदेशालय (DoE) के अनुसार अब प्रवेश परीक्षा के एडमिट कार्ड 10 सितंबर से उपलब्ध होंगे, जबकि कक्षा 6, 7 और 8 की परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी। इससे पहले यह परीक्षा 6 सितंबर को होनी थी और एडमिट कार्ड 23 अगस्त को जारी किए जाने थे।

यह परीक्षा द्विभाषी ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन) प्रारूप में होगी, जिसमें हिंदी, अंग्रेज़ी, सामान्य ज्ञान, मानसिक क्षमता और संख्यात्मक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे। परीक्षा 150 मिनट की होगी और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को अतिरिक्त समय दिया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने बताया कि चयनित छात्रों की अंतिम सूची 20 सितंबर को जारी होगी और मध्य सितंबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

सीएम श्री स्कूल, दिल्ली सरकार की नई पहल है, जिसका उद्देश्य सरकारी शिक्षा को मज़बूत बनाना और छात्रों को आधुनिक, सुसज्जित विद्यालय उपलब्ध कराना है। इस योजना की घोषणा 2025-26 के बजट में 100 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ की गई थी। ये स्कूल केंद्र सरकार की पीएम श्री स्कूल योजना की तर्ज पर और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप विकसित किए जा रहे हैं।

इन स्कूलों में आधी सीटें सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों (जैसे दिल्ली सरकार, नगर निगम, एनडीएमसी, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय) के छात्रों के लिए आरक्षित होंगी। इसके अलावा, एससी, एसटी, ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर) और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पात्रता मानदंड में 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

हर सीएम श्री स्कूल में एआई-आधारित पुस्तकालय, स्मार्ट क्लासरूम, एआर-वीआर तकनीक, बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम और रोबोटिक्स लैब जैसी सुविधाएँ होंगी। साथ ही, ये संस्थान सौर ऊर्जा पर आधारित और शून्य-अपशिष्ट मॉडल पर संचालित होंगे, ताकि स्थिरता को शिक्षा का हिस्सा बनाया जा सके।

पाठ्यक्रम एनईपी 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा 2023 पर आधारित होगा, जिसमें अनुभवात्मक और प्रश्न-आधारित शिक्षा पर बल दिया जाएगा। दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करते हुए इन नए स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध किया जाएगा।