जीडीसी गांदरबल में मिलाद-उन-नबी के उपलक्ष्य में वाद-विवाद और नात प्रतियोगिता

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-09-2025
Debate and Naat competition organized at GDC Ganderbal on the occasion of Milad-un-Nabi (peace be upon him)
Debate and Naat competition organized at GDC Ganderbal on the occasion of Milad-un-Nabi (peace be upon him)

 

गांदरबल

मिलाद-उन-नबी (सल्ल.) के अवसर पर गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज गांदरबल में आध्यात्मिक और बौद्धिक माहौल देखने को मिला। इस मौके पर इस्लामिक स्टडीज़, उर्दू और कश्मीरी विभाग की ओर से संयुक्त रूप से वाद-विवाद और नात प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) की शिक्षाओं की प्रासंगिकता को उजागर करना और छात्रों को आध्यात्मिक व बौद्धिक दृष्टि से प्रेरित करना था।

कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. फ़ौज़िया फ़ातिमा ने कार्यक्रम का संरक्षण किया। डॉ. तौसीफ़ अहमद पर्रे (सहायक प्राध्यापक, इस्लामिक स्टडीज़) ने संयोजक की भूमिका निभाई, जबकि डॉ. जमशीदा अख्तर (उर्दू) और डॉ. नुसरत इक़बाल (कश्मीरी) ने कार्यक्रम का संचालन समन्वयक के रूप में किया।

अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. तौसीफ़ अहमद पर्रे ने कहा, “आज की दुनिया मायनों की तलाश में भटक रही है और ऐसे में पैगंबर (सल्ल.) का संदेश-ए-रहमत इंसानियत को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाता है।” प्रिंसिपल प्रो. फ़ौज़िया फ़ातिमा ने भी अपने संबोधन में पैगंबर-ए-इस्लाम (सल्ल.) को आधुनिक युग में भी स्थायी प्रेरणा का स्रोत बताया।

नात प्रतियोगिता में दस प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनकी दिल से की गई प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को गहराई तक प्रभावित किया। निर्णायक मंडल—प्रो. मुजीब ए. कवूसा (गणित), डॉ. सबरीना सैयद (रसायन विज्ञान), डॉ. नुसरत नबी (उर्दू) और डॉ. सोबिया (कश्मीरी)—ने शाहिद क़ादिर लोन (पहला सेमेस्टर), मुनीब जावेद मीर (पाँचवाँ सेमेस्टर), और अर्सलान नज़ीर (सातवाँ सेमेस्टर) को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर घोषित किया।

वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय था—“पैगंबर-ए-इस्लाम (सल्ल.) की शाश्वत शिक्षाएँ: आज की दुनिया के लिए प्रेरणा।” इसमें छह प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। निर्णायक मंडल—डॉ. समीरा सिराज (जूलॉजी), डॉ. तौसीफ़ अहमद पर्रे (इस्लामिक स्टडीज़), डॉ. जमशीदा अख्तर (उर्दू) और डॉ. हनीफ़ अहमद कुमार (शिक्षा)—ने ज़ुबैर हसन डार (तीसरा सेमेस्टर), मुहम्मद शादाब (पहला सेमेस्टर) और बेग मेहराज गुल (पहला सेमेस्टर) को क्रमशः प्रथम तीन स्थानों पर चुना।

कार्यक्रम की शुरुआत उज़ैर बिलाल द्वारा की गई क़ुरआनी तिलावत से हुई। संचालन की जिम्मेदारी असिफ़ शमीम (पहला सेमेस्टर) ने बखूबी निभाई। अंत में डॉ. सोबिया (कश्मीरी) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और विजेताओं व प्रतिभागियों को स्मृति चिह्न व प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

दिनभर चले इस कार्यक्रम को छात्रों और शिक्षकों ने खूब सराहा, जिसने कॉलेज की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति, आध्यात्मिक संवेदनशीलता और बौद्धिक प्रगति को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।