आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली/अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के लिए यह गर्व का क्षण है, क्योंकि इसकी कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून, जो मनोविज्ञान की प्रोफेसर भी हैं, को प्रतिष्ठित भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) का फेलो चुना गया है. यह घोषणा 9 सितंबर 2025 को हुई अकादमी की वार्षिक आम बैठक के दौरान की गई। यह सम्मान 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा और इसे भारत में विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मानों में से एक माना जाता है. INSA, जिसकी स्थापना 1935 में हुई थी, ऐसे फेलोज का चुनाव करती है जिन्होंने अपने-अपने विशेषज्ञता के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो, और जिनका अनुभव और ज्ञान अकादमी के कार्यक्रमों और पहलों को और समृद्ध करने की उम्मीद है.
INSA ने प्रोफेसर खातून को दिए गए अपने संदेश में कहा कि उनका व्यापक अनुभव और गहरी विशेषज्ञता अकादमी के उद्देश्यों के लिए बहुत मूल्यवान होगी, और उनके चुनाव से संस्था को उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने में बहुत लाभ होगा.
अकादमी की परंपरा के अनुसार, नए चुने गए फेलोज को INSA की वर्षगांठ आम बैठक के दौरान अपनी पसंद के विषय पर एक व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाता है, जहाँ उन्हें औपचारिक रूप से शामिल किया जाता है. प्रोफेसर खातून को इस बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है, जो 1 से 6 दिसंबर 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित होने वाली है.
इस सम्मान पर अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए, प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि वह INSA से मिली इस मान्यता से सम्मानित महसूस कर रही हैं और इसे न केवल एक व्यक्तिगत सम्मान मानती हैं, बल्कि ज्ञान के निर्माण और राष्ट्र-निर्माण के प्रति एएमयू की स्थायी प्रतिबद्धता का प्रमाण भी मानती हैं.
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह फेलोशिप उन्हें देश भर में उच्च शिक्षा के शैक्षणिक और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में काम करना जारी रखने के लिए प्रेरित करेगी.
इस उपलब्धि पर कुलपति को बधाई देते हुए, एएमयू के प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर एम. मोहसिन खान ने कहा कि INSA के फेलो के रूप में उनका चुनाव विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है.
उन्होंने कहा कि यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को मान्यता देता है, बल्कि उस अकादमिक और अनुसंधान उत्कृष्टता को भी दर्शाता है जिसे एएमयू बनाए हुए है.
प्रोफेसर विभा शर्मा, एमआईसी, पीआरओ ने कहा कि INSA की फेलोशिप के लिए उनका चुनाव अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए एक गौरवशाली क्षण है और यह उच्च शिक्षा, अनुसंधान और अकादमिक नेतृत्व में उनके लंबे समय से चले आ रहे योगदान को रेखांकित करता है. एएमयू को एक प्रख्यात शिक्षाविद् को अपना नेता पाकर गर्व है.