तिरुवनंतपुरम (केरल)
कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में रविवार को अमीबिक एन्सेफलाइटिस से पीड़ित तीन महीने के शिशु की मौत हो गई। मृतक की पहचान ओमास्सेरी, कोझिकोड निवासी अबूबकर सिद्दीकी के पुत्र के रूप में हुई है। शिशु पिछले एक महीने से उपचाराधीन था।
अमीबिक एन्सेफलाइटिस के मामले कोझिकोड, वायनाड, मलप्पुरम, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम जिलों से सामने आए हैं। राज्य सरकार द्वारा पिछले सप्ताह जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष अब तक 41 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और राज्य के जल स्रोतों की सफाई करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी स्थानीय स्वशासन संस्थाओं से आग्रह किया कि वे अपनी रोकथाम गतिविधियों को और अधिक सशक्त बनाएं।
राज्य सरकार ने जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए "जल ही जीवन है" (Jalamanu Jeevan) अभियान की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय स्वशासन विभाग, सामान्य शिक्षा विभाग और हरिता केरलम मिशन सहित अन्य संस्थाएं भाग ले रही हैं।
यह अभियान हरिता केरलम मिशन के नेतृत्व में शुरू किया गया था। इसके तहत 30 और 31 अगस्त को राज्य के सभी कुओं को क्लोरीन से शुद्ध करने और घरों व संस्थानों की पानी की टंकियों की सफाई की गई। यह उपाय जलजनित रोगों, विशेष रूप से अमीबिक एन्सेफलाइटिस, की रोकथाम में प्रभावी साबित हुआ है।
यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि स्थानीय निकाय क्षेत्रों के सभी कुओं की क्लोरीनेशन की जाए और पानी की सभी टंकियों की सफाई की जाए। इसके अलावा, स्कूलों को लक्षित कर जागरूकता अभियान चलाना और स्थानीय जल स्रोतों की सफाई जैसे फॉलोअप कदम भी उठाए जाने चाहिए।
अध्ययन बताते हैं कि यह अमीबा केवल गंदे तालाबों और नदियों में ही नहीं, बल्कि कुओं और असाफ की गई पानी की टंकियों में भी पाया जाता है। वेस्ट-फ्री न्यू केरल अभियान, जिसका उद्देश्य केरल को देश का सबसे स्वच्छ राज्य बनाना है, इस दिशा में सराहनीय प्रगति कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी अनुरोध किया कि स्थानीय निकाय इस अभियान में सक्रिय नेतृत्व दिखाएं, योजनाएं सही समय पर बनाएं और उन्हें प्रभावी तरीके से लागू करें।