राकेश चौरासिया
ईद, खुशियों और शांति का ऐसा त्योहार है, जब मुस्लिम समुदाय के लोग एक महीने तक रोजे रखने के बाद ईश्वर का आभार व्यक्त करते हैं. यह त्योहार चांद देखने के बाद मनाया जाता है और दो दिनों तक चलता है. ईद के दिन, मुसलिम समुदाय के लोग नई पोशाक पहनते हैं, एक दूसरे से गले मिलते हैं, और खुशियां मनाते हैं.
ईद की दुआ एक विशेष प्रार्थना है, जो ईद के दिन पढ़ी जाती है. यह दुआ ईश्वर की स्तुति और आभार व्यक्त करने के लिए पढ़ी जाती है. ईद की दुआ में मुसलिम समुदाय के लोग ईश्वर से क्षमा, मार्गदर्शन, और आशीर्वाद मांगते हैं.
ईद की दुआ का महत्व
ईद की दुआ का महत्व बहुत ही अधिक है. यह दुआ मुसलिम समुदाय के लोगों को ईश्वर के करीब लाती है और उन्हें आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाती है. ईद की दुआ से मुसलिम समुदाय के लोगों में भाईचारा और प्रेम की भावना भी बढ़ती है.
ईद की दुआ कैसे पढ़ी जाती है
ईद की दुआ दो रकअत नमाज के बाद पढ़ी जाती है. नमाज के बाद, मुसलिम समुदाय के लोग एकत्रित होते हैं और ईद की दुआ पढ़ते हैं. ईद की दुआ अरबी भाषा में पढ़ी जाती है और इसका हिंदी अनुवाद भी उपलब्ध है.
ईद की दुआ
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
ला इलाहा इल्लल्लाहु अल्लाहु अकबर
अल्लाहु अकबर, वलिल्लाहिल हमद
अल्लाहुम्म, अन्तास्सलामु वमिन्कास्सलामु
तबारकता या जुल जलाली वल इकराम
अल्लाहुम्म, अय्युहल् मुकलिबुल क़ुलूब वल अब्सार
सब्बिह लक़ वज्हिकल करीम व तजल्ला लिक़ वज्हिकल अजीम
व जल्लि जनाबक़ मिन अन् यतबद्दल
अला अहदिल मुमिनीन वल मुसलिमीन
वला तजअल जुलमा वल मुशरिकीन
फितनतन लना वलजालिमिना
व अन्जिल अलाइना व अहलिन व वलदिन व इखवानिन
व जमीअल मुमिनीन वल मुसलिमीन
बरकतैन मिन बरकातिक
व रहमतैन मिन रहमतिक
व फतहैन मिन फुतुहतिक
व अज्जैन मिन अज्जिक
व नसरतन मिन नस्रतिक
व नज्जतन मिन नज्जतिक
व अफ्फिन लना व अहलिन व वलदिन व इखवानिन
व जमीअल मुमिनीन वल मुसलिमीन
जुंूबिन वल ख़ताया
व अल हतीयात
व अस्सैय्यात
व अल जल्लात
व अल फतनात
व अल बलायात
व अल अमराज
व अल आफात
व अल फुक़रा
व अल मस्कना
व अल जुआ
व अल हजन
व अल गम
व अल वहम
व अल ख़ौफ
व अल हजर
व अल क़तह
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