मोहसिन शेख के हौज के बिना लोगों के गणपति का विसर्जन अधूरा

Story by  शाहताज बेगम खान | Published by  [email protected] | Date 15-09-2021
गणपति विसर्जन के लिए विशेष वाहन तैयार करवाया है
गणपति विसर्जन के लिए विशेष वाहन तैयार करवाया है

 

शाहताज बेगम खान/पुणे

गणपति बप्पा को घर लाने और फिर गणपति विसर्जन तक का प्रबंध मोहसिन शेख और उनके साथी बहुत जिम्मेदारी से संभाल रहे हैं. पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरोना महामारी ने लोगों को गणपति उत्सव कई पाबंदियों के साथ मनाने को विवश किया है. ऐसे में कई लोग आगे आए और नए नए रास्ते तालाश कर के सामने आने वाली समस्याओं का हल तालाश कर रहे हैं.

इस वर्ष गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को मनाई गई और गणपति बप्पा को घर लाने और पूजा-अर्चना का प्रबंध किया गया. पुणे में कोरोना महामारी के फैलाव को नियंत्रण में रखने के लिए कुछ कड़े कदम उठाए गए हैं. बड़े-बड़े पंडाल सजाने और भीड़ इकट्ठा न होने देने के निर्देशों के कारण यह वर्ष भी खामोशी से बीत रहा है.

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मोहसिन शेख ने गणपति विसर्जन के लिए तैयार है मोहसिन शेख की पूरी टीम

परंतु अपने घरों में गणपति बप्पा को लाने के लिए होने वाली समस्या से निपटने के लिए मोहसिन शेख और उनके साथियों ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने गणपति बप्पा की मूर्ति लोगों के घरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाली, ताकि बाजारों में भीड़ कम हो. वह अपने साथियों के साथ मिलकर काफी पहले से इसकी तैयारी कर रहे थे.

मोहसिन शेख और उनके साथी गणपति बप्पा को घर तक पहुंचाने और फिर गणपति विसर्जन तक की पूरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उन्होंने गणपति विसर्जन के लिए पूरा प्रबन्ध पुणे महानगरपालिका के दिशा निर्देश के अनुसार किया है.

मोहसिन शेख ने घर-घर से गणपति बप्पा की मूर्तियों को हौज तक लाने के लिए 4 टेम्पो का प्रबंध किया है. लोग वहां पहुंचकर पूजा करते हैं और खास तौर पर बनाए गए हौज में गणपति विसर्जन करते हैं.

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कार्यकर्ता विसर्जन के लिए गणपति ले जाते हुए

मोहसिन शेख बताते हैं कि इस होज में हम वो कैमिकल इस्तेमाल करते हैं, जो हमें पुणे महानगर पालिका ने दिया है. बाद में आगे के सभी कार्य भी हम उन्हीं के द्वारा बताए गए तरीके से करते हैं. अलग-अलग समय के लिए बिठाए गए गणपति बप्पा का विसर्जन लगातार जारी है. डेढ़ दिन से शुरू हुआ विर्सजन का कार्य अभी 21 सितंबर तक जारी रहेगा.

मोहसिन शेख की कोशिश की सराहना करते हुए जयश्री का कहना था कि मोहसिन भाई और उनके साथियों की सहायता के कारण हम गणपति बप्पा को घर भी ला सके और आज उन्हें अच्छी तरह विदा भी कर सके. यहां इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है कि भीड़ इकट्ठा न हो और आसानी से बप्पा को विदा भी किया जा सके.

गणपति उत्सव की शुरुआत

गणपति उत्सव की शुरुआत 1893 में महाराष्ट्र से लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने की थी. हालांकि इस से पहले भी गणपति उत्सव मनाया जाता था, लेकिन इतने भव्य रूप में नहीं. बालगंगाधर तिलक ने इस त्यौहार को एक नया रूप दिया. बड़े-बड़े पंडालों में गणपति बप्पा की छटा देखते ही बनती है.

गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी का त्यौहार भगवान श्री गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. हिन्दी कैलेंडर के अनुसार भाद्र मास की चतुर्थी में यह त्यौहार मनाया जाता है. यह त्यौहार करीब11 दिन तक मनाया जाता है. वैसे तो गणेश चतुर्थी पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन पश्चिमी भारत और प्रमुखता से मुंबई और पुणे में इस की रौनक देखने लायक होती है. गणेश चतुर्थी के दिन लोग गणपति बप्पा का अपने घर में स्वागत करते हैं और 10 दिन तक पूजा-अर्चना के बाद 11वें दिन, अगले बरस तू जल्दी आ, की कामना के साथ बप्पा को विदा करते हैं.

समस्या है, तो समाधान भी है

सड़कों, चौक चौराहों पर इस वर्ष भी वो धूम नहीं है, जो दो वर्ष पूर्व हुआ करती थी. पिछले वर्ष लाकडाउन में जिन कठिनाइयों का सामना लोगों ने किया था, उसे देखते हुए कई लोगों ने अपनी जानिब से कुछ राहत देने की कोशिश अवश्य की है. यही कारण है कि इस बार लोगों के घरों में गणपति बप्पा आए भी और पूरे सम्मान के साथ उनकी विदाई भी संभव हो सकी. मोहसिन शेख और उनके साथियों की कोशिश को पुणे के कोंडवा इलाके के लोग खूब सराह रहे हैं.